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Ghaziabad Cyber Crime:: लो कर लो बात ! 10 लाख का कर्ज दिलाने के नाम पर भी ठगी, पोने 10 लाख का चूना

ट्रांस हिंडन क्षेत्र के खोड़ा निवासी एक शख्स को लोन की जरूरत थी। साइबर ठगों ने उसे झांसे में लेकर 9.58 लाख रुपये की ठगी कर ली। 5 साल से 10 लाख रुपये का कर्ज दिलाने का झांसा देकर जरूरतमंद को शिकार बनाया। साइबर थाने की पुलिस ने शिकायत पर केस दर्ज किया है।

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Rahul Sharma
GZB cyber crime-1

गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

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कहते हैं कि जरूरतमंद की मदद करो तो पुण्य मिलता है। मगर, यदि कोई किसी परेशान आदमी को मदद के नाम पर ही चूना लगा दे तो क्या होगा ? गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन एरिया के रहने वाले एक शख्स को आर्थिक तंगी थी। उसकी इस दिक्कत का लाभ उठाते हुए साइबर ठगों ने उसे अपना शिकार बनाते हुए पोने दस लाख रुपये की ठगी कर डाली। ठगों की इस हरकत की शिकायत साइबर थाने में दर्ज कराई गई है।

ये है मामला

खोड़ा के प्रशांत विहार निवासी शकील अहमद निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। नवंबर 2020 में शकील को बजाज फाइनेंस का कर्मचारी बताकर दीपक बंसल और अनिकेत नामक व्यक्ति ने फोन किया और को 10 लाख रुपये के लोन का प्रस्ताव दिया। उनके कागज लेकर उन्हें फोन कर बताया गया कि उनका लोन स्वीकृत हो गया है। लोन की फाइल प्रोसेस करने के नाम पर उनसे 70 हजार रुपये मांगे गए। इसके बाद उनसे पांच बार में बहाना बनाकर 27 जनवरी 2021 तक एक लाख 95 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। रुपये ट्रांसफर होने के बाद उनका फोन उठाना बंद कर दिया।

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फंसा पैसा दिलाने के नाम पर फिर लगाया चूना

दूसरी बार में शकील के साथ साइबर अपराधियों ने उनका लोन अटका हुआ बताकर कहा कि उनके रुपये लोन प्रक्रिया में अटक गए हैं और उसे वापस दिलाने के लिए अतिरिक्त शुल्क जमा करना होगा। पीड़ित को फिर झांसे में लेकर 17 बार में एक जून 2021 से 10 सितंबर 2021 तक दो लाख 96 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। दो बार ठगी होने के बाद भी पीड़ित को एहसास नहीं हुआ कि वह ठगों के झांसे में फंस गए हैं।

तीसरी बार फिर बने शिकार

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नौ फरवरी 2022 को उनके पास साइबर अपराधियों ने फोन कर कहा कि उनकी ऋण पाॅलिसी सरेंडर कर सारे रुपये वापस करने हैं। इस बार उनसे सरेंडर प्रोसेस पूरा करने के लिए नौ बार में एक लाख 66 हजार रुपये नौ फरवरी से 15 जुलाई तक विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिए। पीड़ित से अंतिम बार ठगी आरबीआई के नाम पर की गई। उनसे कहा गया कि उनका रुपया आरबीआई में अटक गया है। उसे निकालने के लिए शुल्क जमा कराना होगा। पीड़ित से 13 नवंबर 2024 से 13 जनवरी 2025 तक पांच बार में एक लाख 42 हजार रुपये ट्रांसफर कराए गए। पीड़ित को इसके बाद अहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है। परेशान होकर उन्होंने पुलिस से मामले की शिकायत की।

पुलिस बोली-जल्द होगी गिरफ्तारी

एडीसीपी अपराध पीयूष कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर बीएनएस के अंतर्गत धोखाधड़ी की धारा 318(4) और कंप्यूटर संसाधनों से धनराशि ट्रांसफर करने की धारा 66डी में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। छानबीन शुरू हो चुकी है। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।

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