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Ghaziabad exclusive: धर्म के कथित ठेकेदारों की करतूत, डॉक्टर पुलिस हिरासत में

एक तरफ भारत-पाक तनाव के बीच सत्ता-विपक्ष और तमाम धार्मिक संगठन तक एकजुटता दिखा रहे हैं, वहीं धर्म के कुछ कथित ठेकेदारों ने एक वरिष्ठ चिकित्सक को पुलिस की हिरासत में पहुंचा दिया। डॉक्टर का कसूर सिर्फ ये है कि उन्होंने एक मुस्लिम को अपने क्लीनिक पर रख लिया।

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Rahul Sharma
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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक के बीच शुरू हुई रार और एक्शन के बीच जहां सत्ता-विपक्ष पहली बार साथ नजर आए वहीं कश्मीर से कन्याकुमारी तक हिंदू हो मुसलमान सभी धर्म और उनके जुड़े राजनैतिक और गैर-राजनैतिक संगठनों ने आपसी एकता की मिसाल कायम की। लेकिन गाजियाबाद में इसके इतर कुछ कथित धर्म के ठेकेदारों ने एक वरिष्ठ चिकित्सक को महज इसलिए पुलिस की हिरासत में भिजवा दिया, क्योंकि चिकित्सक ने अपना क्लीनिक खोलने-बंद करने के लिए एक मुस्लिम को कर्मचारी के रूप में रख लिया।

ये है मामला

विजयनगर थाना क्षेत्र के प्रताप विहार इलाके में लीलावती स्कूल के सामने डा.एस.के.गर्ग दशकों से क्लीनिक चलाते हैं। कुछ वक्त पहले डॉ.गर्ग ने अपना एक नया क्लीनिक विजयनगर के ही सर्वोदय नगर इलाके में खोल लिया। यहां चिकित्सक दो घंटे के लिए अपनी सेवाएं देते हैं। इस क्लीनिक पर डॉ.गर्ग ने माता कालोनी निवासी एक मुस्लिम युवक को क्लीनिक खोलने से लेकर बंद करने और उसकी देखरेख की जिम्मेदारी दे दी। इस बात की जानकारी मिलने पर इलाके के कुछ लोगों ने विवाद खड़ा कर दिया और मुस्लिम युवक को क्लीनिक पर रखे जाने का विरोध शुरू कर दिया। मामले में कुछ कथित हिंदूवादी नेताओं ने हिंदू संगठन के स्थानीय नेताओं से विरोध कराकर मामले को हवा देने के साथ-साथ पुलिस से लिखित शिकायत कर दी। पुलिस ने दवाब में चिकित्सक को सोमवार की शाम हिरासत में ले लिया। देर रात तक दोनों पक्षों के बीच हुई रस्साकशी के बाद हालाकि डॉक्टर को पुलिस ने छोड़ दिया। मगर मंगलवार की सुबह दोबारा थाने में बैठा लिया।

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पुलिस का दावा-हो रही है जांच

इस मामले में पुलिस का कहना है कि चिकित्सक और क्लीनिक को लेकर शिकायत मिली है। उसकी जांच की जा रही है। जो भी तथ्य जांच से सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई होगी।

डॉक्टर बोले-दवाब बना रहे कुछ असामाजिक तत्व

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इस मामले में डॉ.एस के गर्ग का कहना है कि इलाके में रहे वाले कुछ असामाजिक तत्व अपने निजी स्वार्थ के चलते उन पर दवाब बनाने के लिए अन्य लोगों को बरगलाकर उन पर दवाब बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उनका कहना है कि कानून में किसी मुस्लिम युवक को कर्मचारी रखना कोई अपराध नहीं है। उनके पास क्लीनिक चलाने के लिए डिग्री भी है और कानूनन अधिकार भी। इसके बावजूद उनके साथ की जा रही इस हरकत की वो सक्षम विभागों और अफसरों से शिकायत करेंगे।

ये बोले स्वास्थ्य अधिकारी

इस मामले में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोई भी डिग्री धारक चिकित्सक अपने क्लीनिक पर सामान्य कामकाज के लिए किसी भी जाति या धर्म के कर्माचारी को रख सकता है। ऐसा करना किसी भी तरह का अपराध या कानूनन जुर्म नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एस.के.गर्ग डिग्री धारक सीनियर चिकित्सक हैं।

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