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जान से खिलवाड़: गेंहू के साथ मिलाया जा रहा था चाक पाउडर, डासना में सील की आटा चक्की

गाजियाबाद के डासना बड़े बाजार में स्थित लाला विपिन आटा चक्की को खाद्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा सील कर दिया गया। यह कार्रवाई लगातार मिलावट की शिकायतों के बाद की गई।

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Kapil Mehra
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फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार
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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

गाजियाबाद के डासना बड़े में स्थित लाला विपिन आटा चक्की को खाद्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा सील कर दिया गया। यह कार्रवाई लगातार मिलावट की शिकायतों के बाद की गई। शिकायतकर्ता सादिक अली की सूचना पर पुलिस और खाद्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर चक्की को सील किया, जबकि चक्की के संचालक मुकेश मौके से फरार हो गया

मिलावटी आटा सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। चाक पाउडर की मिलावट से पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचता है। इससे पेट दर्द, उल्टी, दस्त और गैस्ट्राइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक इसका सेवन करने से आंतों में सूजन या अल्सर का खतरा बढ़ जाता है।

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मिलावट की आशंका पर कार्रवाई

सादिक अली ने पुलिस और खाद्य विभाग को बताया था कि लाला विपिन आटा चक्की में गेहूं पिसाई के दौरान भारी मिलावट की जा रही है।

शिकायत के अनुसार, चक्की में राशन के चावल, खड़िया और चौक जैसी अशुद्ध चीजें मिलाई जाती हैं। इसके बाद, आटे से भरे बोरे गाजियाबाद के विभिन्न स्थानों पर सप्लाई किए जाते हैं।

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फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

खाद्य विभाग और पुलिस टीम ने एक कैंटर को जब्त किया, जिसमें चावल भरा हुआ था। इस चावल की गुणवत्ता की जांच की जा रही है, और यह चावल राशन का बताया जा रहा है।

पुलिस यह भी जांच कर रही है कि राशन का चावल चक्की तक कैसे पहुंचा। फूड इंस्पेक्टर की टीम के मौके पर पहुंचते ही चक्की का संचालक मुकेश फरार हो गया।

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इसके बाद खाद्य विभाग ने चक्की को सील कर दिया और आटे के सैंपल एकत्रित किए। पुलिस ने जब्त किए गए राशन को थाना वेव सिटी में सुरक्षित रखवा दिया है। फिलहाल, पुलिस और खाद्य विभाग की टीम पूरे मामले की गहन जांच करने में जुटी है।

मिलावट से हो सकती है सेहत खराब

  • मिलावटी आटे में जहरीले रसायनों जैसे यूरिया, डिटर्जेंट, या चाक पाउडर की मिलावट होती है, जो पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे पेट दर्द, उल्टी, दस्त और गैस्ट्राइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक इसका सेवन करने से आंतों में सूजन या अल्सर का खतरा बढ़ जाता है।
  • यदि आटे में कीटनाशक या फफूंद (मोल्ड) से दूषित अनाज मिलाया गया हो, तो यह लीवर और किडनी को प्रभावित कर सकता है। फफूंद से उत्पन्न होने वाला एफ्लाटॉक्सिन नामक विष लीवर कैंसर का कारण बन सकता है। इसके अलावा, मिलावटी आटे में पोषक तत्वों की कमी होती है, जिससे कुपोषण का खतरा बढ़ता है, खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं में।
  •  कुछ मामलों में आटे में नकली रंग या संरक्षक (प्रिजर्वेटिव्स) मिलाए जाते हैं, जो एलर्जी, त्वचा रोग, या सांस की तकलीफ पैदा कर सकते हैं। लंबे समय तक ऐसे रसायनों के संपर्क में रहने से हार्मोनल असंतुलन और प्रजनन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
  •  मिलावटी आटा बैक्टीरिया या कीटाणुओं से दूषित हो सकता है, जिससे फूड पॉइजनिंग, टाइफाइड या हैजा जैसी संक्रामक बीमारियां फैल सकती हैं। कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों, जैसे बुजुर्गों या बीमार व्यक्तियों, के लिए यह और भी खतरनाक होता है।

आमतौर पर मिलावट का पता लगाना मुश्किल होता है, इसलिए उपभोक्ताओं को सतर्क रहना चाहिए। प्रमाणित ब्रांड का आटा खरीदना, उसकी गुणवत्ता जांचना और संदिग्ध आटे की शिकायत करना जरूरी है। मिलावटी आटा न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ाता है। इसीलिए इसके सेवन से बचना बेहद जरूरी है।

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