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नोए़डा में स्पोर्ट्स सिटी के पास ले रहे थे फार्म हाऊस, गंवाए 67 लाख, दिल्ली के 2 भाईयों पर FIR

सिटी जोन के पॉश इलाके के रहने वाले एक शख्स और उसके कुछ सहयोगियों ने नोएडा में स्पोर्टस सिटी के पास एक फार्म हाऊस खरीदने का प्लान बनाया। मगर, दिल्ली के दो सगे भाईयों ने इसकी आड़ में 67 लाख का चूना लगा दिया। जाने क्या है पूरा मामला

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Rahul Sharma
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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

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नोएडा स्पोर्ट्स सिटी के पास फार्म हाऊस देने का सब्जबाग दिखाकर दिल्ली के दो सगे भाईयों ने गाजियाबाद के कारोबारी और उनके कुछ सहयोगियों से 67 लाख रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित कारोबारी ने सिटी जोन के कविनगर थाने में केस दर्ज कराया है। इस धोखाधड़ी में नामजद कराए गए कारोबारी बंधु ईस्ट दिल्ली के रहने वाले हैं।

10 लोग बने हैं शिकार

इस घटना की रिपोर्ट कविनगर के ए-ब्लाक निवासी राजकिशोर गुप्ता पुत्र स्व.हरीशंकर गुप्ता ने दर्ज कराई है। इनके साथ 67 लाख की इस धोखाधड़ी के शिकार कुल 10 लोग हुए हैं। इनमें रश्मि प्रभा और राधारमन पुरवार भी हैं। 

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ये हैं ठगी के आरोपी

67 लाख की ठगी और धोखाधड़ी के दर्ज हुए मामले में जिन दो सगे भाईयों को आरोपी बनाया गया है  उनके नाम संदीप वाधवा और विपुल वाधवा हैं। दोनों पूर्वी दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में डीपीएस के पास रहने वाले बताए गए हैं। दोनों भाईयों ने पीड़ितों को बताया कि वो मैसर्स नाइन ओ नाइन स्ट्रेक्टचर्स नाम की कंपनी में पार्टनर हैं। इस कंपनी का नोएडा के सेक्टर 151 में नोएडा स्पोर्टस सिटी के पास 1600 वर्ग गज में एक फार्म हाउस है। जो वह इन्हें 5250 रुपये प्रति वर्ग गज की दर से दिलवा देंगे। इन लोगों ने न सिर्फ साइट का निरीक्षण करवाया बल्कि बिचौलिए एन.के.शर्मा से भी मुलाकात कराई। फार्म हाउस का सौदा 84 लाख रुपये में तय कर दिया।

झांसे में लेकर ठग लिए 67 लाख

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साइट का निरीक्षण कराने के बाद इन भाईयों ने खरीदद्दारों को झांसे में लेकर सात लाख रुपये अकाउंट में ट्रांसफर कराए और 60 लाख रुपये कैश ले लिए।इसके बाद बाकी के 17 लाख रुपये रजिस्ट्री और कब्जा लेने के दौरान देने की बात तय हुई। इसी बीच खरीद्दारों को बताया गया कि अथॉरिटी ने फार्म हाउस की जमीन को डूब क्षेत्र में बताकर इसकी रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है। और वो अथॉरिटी के फैसले के खिलाफ कोर्ट में केस लड़ रहे हैं। जल्द ही फैसला उनके पक्ष में आ जाएगा।     

84 लाख में हुआ था फार्म हाऊस का सौदा

तय 84 लाख में से 67 लाख देने के बावजूद भी जब उनके नाम रजिस्ट्री नहीं की गई तो उन्होंने रजिस्ट्री के लिए दवाब डाला। लेकिन आरोपियों ने फोन उठाने बंद कर दिए। अथॉरिटी द्वारा लगाई गई रोक हटने के बावजूद फार्म हाउस की न रजिस्ट्री की गई और ना ही पैसा लौटाया गया। दोनों आरोपी भाईयों और बिचोलिये के चक्कर लगाने के बावजूद जब न पैसा मिला न जमीन तो पीड़ितों की तरफ से पुलिस कमिश्नर से शिकायत कर केस कविनगर थाने में दर्ज कराया गया है।

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पुलिस बोली- जल्द होगा एक्शन

इस मामले में पुलिस का कहना है कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। दोनों भाईयों की बाबत पड़ताल हो रही है। जल्द ही कार्रवाई भी की जाएगी।

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