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Ghaziabad Health: टीला मोड़ क्षेत्र में पकड़ा अवैध भ्रूण लिंग जांच केंद्र, दो दबोचे, एक फरार

गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग ने हरियाणा से झज्जर की मेडिकल टीम और टीला मोड़ पुलिस के साथ संयुक्त टीम बनाकर जावली के रिस्तल में चल रहे भ्रूण लिंग परीक्षण केंद्र का खुलासा किया।

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Neeraj Gupta
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टीएचए वाईबीएन संवाददाता 

गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग ने हरियाणा से झज्जर की मेडिकल टीम और टीला मोड़ पुलिस के साथ संयुक्त टीम बनाकर जावली के रिस्तल में चल रहे भ्रूण लिंग परीक्षण केंद्र का खुलासा किया। मौके से दो लोगों को दबोचा गया है। उनके पास से पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन बरामद हुई है। हालांकि अल्ट्रासाउंड करने वाला और उसका एक साथी मौके से भाग निकले। मामले में झज्जर की मेडिकल टीम की लापरवाही की बात कही जा रही है। 

गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग के पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग संजोग ने बताया कि बुधवार रात को सूचना मिली थी कि टीला मोड़ क्षेत्र में जावली के रिस्तल गांव में अवैध रूप से भ्रूण लिंग जांच केंद्र चल रहा है। जहां पर झज्जर की मेडिकल टीम ने डिकोय ग्राहक को भेजा है। यह अवैध केंद्र रिस्तल गांव में एक ईंट भट्टे के पास एक दुकान में संचालित हो रहा था। जहां पर हरियाणा की कई महिलाएं भ्रूण लिंग परीक्षण करवा चुकी हैं। इस सूचना पर वह अपनी टीम के साथ पुलिस को सूचना देने के बाद मौके पर पहुंचे। जब तक टीम पहुंची तब तक डिकोय का अल्ट्रासाउंड किया जा चुका था। उसे गर्भ में लड़का बताया गया था। डिकोय के आने पर केंद्र में पुलिस के साथ मिलकर दबिश दी गई। इस दौरान दो लोग मौके से भाग गए। मौके पर दलाल सतेंद्र और गिरोह का सदस्य नरेंद्र को दबोच लिया गया। मौके से पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन, बाइक, पेन ड्राइव, दो मोबाइल और जांच के लिए दिए रुपयों में से 9700 हजार रुपए भी बरामद हुए हैं। मेडिकल टीम ने दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया और उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। 

फरार कपिल कसाना ही चलाता है गिरोह

पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग संजोग के अनुसार मौके से कपिल कसाना और दुकान मालिक बब्लू संयुक्त टीम के पहुंचने से पहले फरार हो गए। कपिल कसाना ही इस गिरोह का संचालन करता है और वही अल्ट्रासाउंड करता है। कपिल कसाना को गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग की टीम चार बार पकड़कर पुलिस के हवाले कर चुकी हैं, लेकिन जमानत मिलने के बाद वह फिर से भ्रूण लिंग जांच का काम शुरु कर देता है। पुलिस दोनों की तलाश कर रही है। 

दिल्ली नांगलोई का अस्पताल बना केंद्र

पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. संजोग के अनुसार दिल्ली के नांगलोई में एक निजी अस्पताल है, जहां इस गिरोह का खासा मजबूत नेटवर्क है। अस्पताल का पीआरओ ही हरियाणा से आने वाली महिलाओं को भ्रूण लिंग जांच की सलाह देता है और जो महिला इसके लिए तैयार हो जाती है उसे गिरोह से दलाल से मिलवा दिया जाता है। गिरोह 30 से 35 हजार रुपए में जांच करता है। झज्जर मेडिकल टीम को इसकी जानकारी हो थी, जिसके चलते डिकोय ग्राहक को उसी अस्पताल में भेजा गया था। डॉ. संजोग के अनुसार झज्जर मेडिकल टीम ने उन्हें देरी से सूचना दी थी, यदि समय से सूचना दी गई होती तो कपिल कसाना को भी मौके से ही दबोच लिया जाता।

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