गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
हॉस्पिटल में दवाएं ख़त्म प्रशासन मौन
गाजियाबाद। आयुष विभाग के तीन विभागों में होम्योपैथिक, यूनानी और आयुर्वेदिक में दवाइयां खत्म होने के बाद अब डॉक्टर कुत्ते काटने से घायल मरीजों के इलाज में लगे हैं।
बताया जा रहा है कि दो साल से बजट जारी नहीं होने के कारण दवाइयां अस्पताल में नहीं हैं। दवाई उपलब्ध होने पर तीनों विभागों में रोजाना ढाई सौ से तीन सौ मरीज उपचार कराने आते थे।
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एमएमजी अस्पताल के पुराने पैथॉलाजी लैब विभाग में अलग-अलग कक्ष में आयुष विंग के तहत होम्योपैथिक, यूनानी और आयुर्वेदिक विभाग संचालित है। यह पहले मौजूदा पैथोलॉजी में संचालित थी, लेकिन पुराने पैथॉलाजी लैब का प्लास्टर गिरने से कई मशीनें खराब हो गई थीं।
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50 हज़ार का होता है बजट
इसके बाद दोनों को आमने सामने कक्ष में शिफ्ट कर दिया। दो साल से किसी भी विंग के पास दवाई मौजूद नहीं है। बताया गया कि शासन से बजट ही जारी नहीं हो रहा था, इसलिए दवाई की खरीदारी नहीं हुई थी।
अस्पताल में एक विंग के लिए एक वित्तीय वर्ष में 50 हजार रुपये का बजट जारी होता है। उसी से दवाइयों की खरीदारी होती है।
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