गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता। नगर निगम डीएम सर्किल रेट से हाउस टैक्स लगाने पर उतारू है, जनता को नोटिस भेजे जा रहे है कुछ स्थानों से इसको लेकर वसूली भी हुई है हालांकि उप चुनाव को देखते हुए मामला जरूर ठंडा हो गया था लेकिन अब फिर से इस मुद्दे ने हवा पकड़ ली है।
हालांकि वर्तमान पार्षद अभी खुलकर कुछ बोल नहीं रहे है लेकिन भाजपा के पूर्व पार्षदों ने जहा कल मोर्चा खोलते हुए इस मामले में प्रेसवर्ता कर अहम मुद्दों को जानकारी दी थी वहीं अब कांग्रेस के पूर्व पार्षद मनोज चौधरी ने भी सोशल मीडिया पर आकर आंदोलन की चेतावनी दे डाली है।
उन्होंने कहा कि गाजियाबाद नगर निगम ने अगर हाउस टैक्स में डीएम सर्किल रेट से वृद्धि कर शहर में नोटिस भेजे तो बड़ा आंदोलन होगा। हर वार्ड में जाकर जनता को जागरूक किया जाएंगा। अब मनोज चौधरी भी नगर निगम के अच्छे जानकार है, सदन में जनता के मुद्दे उन्होने अपने कार्यकाल में उठाएं है। अपनी बातों को पूरी पारदर्शिता के साथ वह सरल भाषा में कहते है। अब जिस तरह से हाउस टैक्स वाला मुद्दा मुखर हो रहा है तो उससे लगता है कि कही न कहीं पूर्व पार्षद अब जनता के हित में लामबंद होते जा रहे है।
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पूर्व पार्षद लामबंद, जनता के मुद्दे पर एकजुट
विदित हो कि बुधवार को पूर्व पार्षद राजेन्द्र त्यागी, अनिल स्वामी, हिमांशु मित्तल और हिमांशु लव ने डीएम सर्किल रेट से हाउस टैक्स को लेकर प्रेसवार्ता में नगर निगम के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में 17 नगर निगम है लेकिन किसी भी नगर निगम में डीएम सर्किल रेट से हाउस टैक्स नहीं लिया जा रहा है। फिर गाजियाबाद में ही क्यों लिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा टैक्स गाजियाबाद में लिया जा रहा है।
उन्होंने कहा था कि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री की मौजूदगी में बढ़े हुए टैक्स का प्रस्ताव नगर निगम की बैठक में निरस्त किया गया था तो फिर नई संपत्तियों पर डीएम सर्किल रेट से क्यों हाउस टैक्स लिया जा रहा है? कहा गया था कि सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है लेकिन यह सरासर गलत है। सरकार ने बढ़े हुए टैक्स के प्रस्ताव को कभी मंजूरी नहीं दी है। अब इस मामले में कांग्रेस के पूर्व पार्षद ने आंदोलन की बात कहकर टिविस्ट डाल दिया है।
वर्तमान पार्षद अभी तक दिख रहे खामोश
नगर निगम में भाजपा पार्षदों की संख्या सबसे अधिक है, अभी तक के नगर निगम इतिहास में भाजपा वजन नगर निगम में सबसे अधिक है, वहीं गाजियाबाद की बात की जाए तो सांसद, मेयर और विधायक सभी जनप्रतिनिधि भाजपा के है हालांकि विधायकों और मेयर ने हाउस टैक्स बढ़ाए जाने का विरोध जरूर अपने ब्यानों में किया था लेकिन भाजपा के पार्षद भी इस मामले में अभी तक कोई बड़ी भूमिका में नजर नहीं आए है, जनता के हित में वह इस मुद्दे पर खामोशी लगाए हुए है। लेकिन जिस तरह से पूर्व पार्षदों ने इस मामले को उठाया है तो उससे साफ है कि अब यह मामला ठंड़ा पड़ने वाला नहीं है।
2027 की तैयारियों का तो नहीं दिख रहा असर
2027 में विधानसभा के साथ-साथ नगर निगम चुनाव भी होने है, जिसकी तैयारियों को लेकर सभी पार्टी भी लगी हुई है। अब इस बात का संकेत भी मिल रहा है कि अब कुछ ही समय नगर निगम चुनाव को लेकर रह गया है तो कहीं न कहीं पूर्व पार्षद भी अब जनता के मुद्दों पर मुखर होने वाले है और हाउस टैक्स वाला मामला पूरे शहरवासियों के लिए है तो पूर्व पार्षदों ने इसी लिए यह नब्ज सबसे पहले पकड़ी है क्योेंकि हाउस टैक्स वाले मामले से हर वर्ग प्रभावित है। अब देखने वाली बात यह है कि इन पूर्व पार्षदों के बाद इस मामले में और कौन-कौन जनता के हित में आगे आता है।