गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।
पिछले काफी वक्त से लगभग हर रोज जीडीए के अलग-अलग प्रवर्तन जोन की टीमें अवैध निर्माण के खिलाफ बुल्डोजर एक्शन लेती हैं। लेकिन आज तक ऐसी कोई खबर सामने नहीं आई कि जिन अफसरों और कर्मचारियों की अनदेखी या उनकी शह पर ये अवैध निर्माण हो रहा था उन पर कोई एक्शन लिया गया हो। शुक्रवार को जोन तीन में जीडीए ने एक अवैध कॉलोनी के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई की। मगर, सवाल वही पुराना कि जिस वक्त इस अवैध कालोनी के लिए बिजली के खंभे, बिजली के ट्रांसफार्मर, बाउंड्री, सड़क निर्माण आदि काम हो रहे थे तो प्रवर्तन जोन और निगरानी में तैनात लंबा-चौड़ा स्टाफ जिसमें कर्मचारियों के साथ अफसर भी हैं उन्होंने अनदेखी क्यों की ? क्या ये सब किसी निजी कारण से किया गया। लगातार ध्वस्तीकरण तो हो रहे हैं। मगर किसी बेपरवाह के खिलाफ जांच कर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? ये सवाल किसी और से नहीं बल्कि जीडीए के आईएएस वीसी अतुल वत्स से है ?
शुक्रवार को ये हुआ एक्शन
जीडीए के प्रेस नोट के मुताबिक उपाध्यक्ष महोदय के अवैध निर्माण/अवैध कालोनियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के निर्देशों के क्रम में शुक्रवार को प्रभारी प्रवर्तन जोन-3 के नेतृत्व में मो0 आबिद व मौ0 अतीक पुत्रगण शमशूददीन व इन्द्रपाल पुत्र हरि सिंह आदि द्वारा जनहित इस्टीटयूट के सामने मटियाला रोड़, ग्राम सदरपुर, गाजियाबाद में लगभग 21.00 बीघा में अनाधिकृत रूप से विकसित की जा रही कालोनी में भूखण्डों की बाउण्ड्रीवाल, सड़क, विद्युत पोल आदि के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की गयी। ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के समय स्थानीय विकासकर्ताओं/निर्माणकर्ताओं द्वारा काफी विरोध किया गया, परन्तु प्राधिकरण पुलिस बल द्वारा उन्हे नियन्त्रित कर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही जारी रखी गयी। मौके पर उपस्थित लोगो से यह अपील की गयी कि अनाधिकृत रूप से विकसित की जा रही कालोनी में भूखण्डों का क्रय, विक्रय न करें।
एक्शन के दौरान सब, निर्माण के दौरान गायब क्यों?
GDAके प्रेस नोट के मुताबिक जिस दौरान ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हुई अवैध कालोनी पर अधिशासी अभियन्ता एवं सहायक अभियन्तागण के अलावा अवर अभियन्तागण एवं समस्त सुपरवाईजर/मेट, स्थानीय पुलिस बल तथा प्राधिकरण पुलिस बल उपस्थित रहा। लेकिन बड़ा सवाल ये कि जिस वक्त ये अवैध निर्माण हो रहा था क्या लोकल पुलिस सहित तमाम लोग गहरी नींद सो रहे थे।