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Ghaziabad Junction : वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन का सपना अधूरा, निर्माण कार्य में भारी देरी

शहर को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन देने का सपना अब धूल फांकता नजर आ रहा है। जिस पुनर्निर्माण कार्य को अगस्त 2025 तक पूरा होना था, वह अब तक शुरुआत के चरणों में ही अटका हुआ है। रेलवे स्टेशन के विकास के लिए 365 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई थी।

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Syed Ali Mehndi
रेलवे स्टेशन निर्माण कार्य

रेलवे स्टेशन निर्माण कार्य

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

शहर को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन देने का सपना अब धूल फांकता नजर आ रहा है। जिस पुनर्निर्माण कार्य को अगस्त 2025 तक पूरा होना था, वह अब तक शुरुआत के चरणों में ही अटका हुआ है। रेलवे स्टेशन के विकास के लिए 365 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई थी। लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि महज 15% कार्य ही पूरा हो पाया है, और पुराने भवनों को गिराने का कार्य भी अभी तक अधूरा है।

 3 साल हो गया लेट 

शहर की ओर से पुराने भवनों को तोड़ने का कार्य वर्ष 2022 के अंत में शुरू कर दिया गया था, लेकिन परियोजना की विधिवत शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा अगस्त 2023 में की गई थी। इसके बाद से निर्माण कार्य की गति लगातार सुस्त बनी हुई है। प्लेटफार्म नंबर 3 और 4 पर अब तक तोड़फोड़ का काम शुरू नहीं हो सका है। जिन कार्यालयों को पिछले वर्ष तक बन जाना चाहिए था, वे अभी सिर्फ ढांचे के रूप में खड़े हैं और उन्हें पूरी तरह तैयार होने में अभी एक वर्ष और लग सकता है।

बेहाल परेशान यात्री

यात्रियों की सुविधाओं की बात करें तो हालात और भी चिंताजनक हैं। अस्थाई कार्यालयों की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। यात्रियों के लिए बैठने की जगह, पीने के पानी की सुविधा और साफ-सफाई जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की घोर अनदेखी की जा रही है। भीषण गर्मी के मौसम में यात्री गर्म पानी पीने को मजबूर हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ रहे हैं। महिलाओं और बुजुर्गों के लिए तो हालात और भी असुविधाजनक हैं।

 प्रयास जारी 

इस संबंध में जब नॉर्दर्न रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कार्यवाही संस्था के साथ वार्ता चल रही है, जो तय समय पर कार्य पूरा करने में असमर्थ रही है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यात्रियों को न्यूनतम परेशानी हो, इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह कहना कठिन है कि यह सपना आने वाले तीन वर्षों में भी साकार हो पाएगा।

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 उठते सवाल

यह स्थिति न केवल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यात्रियों की उम्मीदों को भी झटका देती है। जब तक ठोस कदम नहीं उठाए जाते और कार्य की गति नहीं बढ़ाई जाती, तब तक वर्ल्ड क्लास स्टेशन का सपना एक अधूरी कल्पना बनकर रह जाएगा।

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