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Ghaziabad Madhuban bapudham Yojna: हालात बदतर, फिर भी अवैध तरीके से रह रहे लोग, जीडीए ने खाली कराए

जीडीए की मधुबन-बापूधाम योजना में हालात बेहद बदतर हैं। बावजूद इसके कुछ लोग यहां गरीबों के लिए बने आवासों में अवैध तरीके से कब्जा कर रह रहे थे। बुधवार को जीडीए की टीम ने इन आवासों को कब्जा मुक्त कराया। मगर, यहां व्याप्त अव्यवस्थाओं पर कोई गौर नहीं किया।

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Rahul Sharma
GZB madhuban bapudham-1

जीडीए की मधुबन-बापूधाम योजना में गरीबों के लिए कांशीराम आवास योजना के तहत बने फ्लेट्स के आस-पास अव्यवस्थाओं का हाल।

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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

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एक तरफ जहां मोदी और योगी सरकार गरीबों को जल्द से जल्द आवास मुहैया कराने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी विभागों की लापरवाही से न सिर्फ योजनाएं लटकी पड़ी हैं, बल्कि गरीबों की बस्तियों की हालत खस्ता है। बुधवार को जीडीए ने जहां मधुबन-बापूधाम योजना में बने कांशीराम योजना के गरीब आवासों में अवैध तरीके से रह रहे लोगों को निकालकर कब्जा मुक्त कराया। वहीं कालोनी की बदहाली पर कोई गौर नहीं किया। जीडीए ने इस कालोनी को निगम को हेंडओवर नहीं किया है। लिहाजा अनदेखी के चलते कालोनी के आस-पास हालात बेहद खराब हैं।

जीडीए ने ये की कार्रवाई

बुधवार को मधुबन बापूधाम आवासीय योजना में स्थित मा. काशीराम आवास योजना में अवैध रूप से रह रहे व्यक्तियो से भवन खाली कराये गये। इस कालोनी के फ्लेट नंबर FK - 2/25-4B, FK - 2/22-3, FK -2/22-1A, FK- 2/6-4A, FK- 2/5-2A और FK-2/3-1B में लोगों ने अवैध कब्जा करके रहना शुरू कर दिया था। बुधवार को इन भवनों को जीडीए की टीम ने खाली कराया और प्राधिकरण का ताला लगा कर बंद करा दिया। कार्रवाई के दौरान मौके पर सहायक अभियन्ता, अवर अभियन्ता तथा सुपरवाईजर / मेट भी उपस्थित थे।

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ये हैं अव्यवस्थाएं

काशीराम कॉलोनी मधुबन-बापूधाम में सीवर बंद है। नाली के पानी की कोई निकासी नहीं है। चारों तरफ कूड़े के ढेर लगे पड़े हैं। सड़कें भी टूटी पड़ी हैं। पार्कों में भी सफाई नहीं है। पार्कों की दीवारें ऊंची नहीं होने की वजह से गेट नहीं लगे हैं। जबकि कुछ पार्क ऐसे हैं जहां लोगों ने पार्किंग बना रखी है। जीडीए ने न तो इस कालोनी में  रहने वाले गरीब लोगों की सुविधा के हिसाब से इंतजाम किए हैं और ना ही उन पर कर्मचारी ध्यान दे रहे। कालोनी निगम को भी हेंडओवर नहीं हुई है।

पीएम आवास योजना के सत्यापन में देरी का आरोप

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प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के सत्यापन का कार्य रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। 4890 आवेदनों में से सिर्फ तीन हजार का ही सत्यापन अब तक पूरा हो पाया है। आवेदकों की फाइल कहां तक पहुंची है। उसके विषय में भी उनको जानकारी नहीं मिल पा रही है। आवेदकों के सत्यापन के लिए नगर आयुक्त ने दो बार बैठक कर सख्त निर्देश भी जारी किए लेकिन कर्मचारियों पर कोई असर नहीं हो रहा है। वार्ड-27 के पार्षद नरेश जाटव का आरोप है कि नगर आयुक्त के सख्त निर्देश के बाद भी प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के आवेदकों के सत्यापन का कार्य काफी धीमे चल रहा है। जोनल कार्यालयों पर लोगों को सत्यापन के लिए कई बार चक्कर लगाना पड़ रहा है। इससे आवेदकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। डूडा के परियोजना अधिकारी संजय पथारिया ने बताया कि आवेदकों के सत्यापन का कार्य तेजी से चल रहा है। नए आवेदन आने के कारण लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है। नगर निगम की टीम उसे तेजी से पूरा कर रही है। वार्ड-27 के पार्षद नरेश जाटव ने बताया कि नगर आयुक्त के सख्त निर्देश के बाद भी प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के आवेदकों के सत्यापन का कार्य काफी धीमे चल रहा है। जोनल कार्यालयों पर लोगों को सत्यापन के लिए कई बार चक्कर लगाना पड़ रहा है। इससे आवेदकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

ये बोले-परियोजना अधिकारी

डूडा के परियोजना अधिकारी संजय पथारिया ने बताया कि आवेदकों के सत्यापन का कार्य तेजी से चल रहा है। नए आवेदन आने के कारण लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है। नगर निगम की टीम उसे तेजी से पूरा कर रही है।

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