गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।
यूं तो नगर निगम गाहे-ब-गाहे करप्शन के मामलों में चर्चाओं में आता ही रहता है। मगर, इस बार आरोप लगा है निजी स्वार्थों के चलते करोड़ों कीमत से खरीदे गए कूड़ा, प्रदूषण और अतिक्रमण की रोकथाम में काम आने वाले वाहनों को गैराज में खड़ा करके कंडम करने का। ये आरोप किसी बाहरी शख्स ने नहीं बल्कि निगम पार्षद के पति ने ही लगाया है। वार्ड-18 की पार्षद के पति डॉ. पवन गौतम ने ये गंभीर आरोप निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मिथलेश पर लगाए हैं।
ये लगाए हैं आरोप
शास्त्री नगर आरडब्लूए अध्यक्ष और वार्ड नंबर 18 की पार्षद के पति डॉ पवन गौतम का कहना है कि गाजियाबाद नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों रुपए का घोटाला हो रहा है। उनके मुताबिक भ्रष्टाचार का ताजा मामला ये है कि नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने सफाई कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए करोड़ों रुपए के वाहन खरीदे थे। जिसमें कमीशन खोरी करके उनको नगर निगम के गैराज व नगर निगम के पम्प में खड़ा करवा रखा है। आरोप है कि कमीशन खोरी के चक्कर में वाहनों को बारिश में खराब व गलाया जा रहा है, जिससे उनकी गारंटी व वारंटी समाप्त हो जाए और कमीशन खोरी का सही से बंदरबाट हो सके।
स्वास्थ्य अधिकारी पर ये भी लगाए आरोप
डॉ. पवन गौतम का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डॉक्टर मिथिलेश कुमार पर पहले से ही डीजल घोटाले, बायोमेट्रिक घोटाले, डस्टबिन घोटाले, कमीशन खोरी और अन्य घोटालों आरोप लग चुके हैं। उनका कहना है कि अन्य घोटालों में स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी दोषी पाए जा चुके हैं। जिन्होंने निजी स्वार्थवश करोड़ों कीमत की इन गाड़ियों को गैराज में गलने के लिए छोड़ दिया है।
'पीएम-सीएम के अभियानों की धज्जियां उड़ रहीं'
डॉ.पवन गौतम का आरोप है कि नगर निगम में देश के प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजनाओं और स्वच्छ भारत अभियान की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इन नई गाड़ियों को इस लिए खड़ा किया हुआ है ताकि इनकी गारंटी निकलने के बाद कमीशन खोरी वसूली जा सके।
ड्रॉइवर्स को लेकर भी आरोप
पार्षद पति का कहना है कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी व अन्य उच्चाधिकारियों ने 15 सालों से कार्यरत 128 ड्राइवरों को नौकरी से निकाल दिया था। ये वो लोग थे जिन्होंने करोना काल में नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवा प्रदान की थी। आरोप है कि जो ड्राइवर बचे हैं उनसे नए वाहन देने को लेकर एक मोटी रकम ऐंठने की योजना बन रही है। ड्राइवर्स से मोटी रकम एंठने के चक्कर में निगम के वाहनों का वितरण नहीं किया जा रहा है। इससे शहर की सफ़ाई व्यवस्था दिन प्रतिदिन चरमरा रही है। शिकायत आती है तो उनका कोई निस्तारण नहीं किया जाता, बल्कि ये बोला जाता है कि वाहनों की कमी के कारण नालों की सफ़ाई नहीं करा पा रहे।
'तेल चोरी में भी नहीं हुई ठोस कार्रवाई'
गौरतलब है कि कुछ ही समय पहले महापौर सुनीता दयाल ने गाजियाबाद के नन्दी पार्क के नगर निगम के तेल पम्प से भरकर जा रहा 2000 लीटर डीजल पकड़ा था। जिसमें महापौर ने सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे। जिसमें केवल खानापूर्ति करके एक सफ़ाई नायक को सस्पैंड कर दिया गया था। डॉ.पवन गौतम का आरोप है कि इस मामले में नगर स्वास्थ्य प्रभारी डॉ मिथिलेश कुमार व सह प्रभारी ओमपाल, जेडएसओ पर किसी तरह की विभागीय कार्यवाही अम्ल में नहीं लाई गई।
आरोपों पर चुप हैं अफसर
पार्षद पति के इन आरोपों की बाबत निगम अफसरों से उनका पक्ष जानने के प्रयास किए गए। मगर किसी ने भी कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मिथलेश से भी इस बाबत बातचीत के प्रयास किए गए। लेकिन सफलता नहीं मिली।