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दोनों आरोपी सिपाही राहुल कुमार और सचिन चौधरी Photograph: (Google)
गाजियाबाद, वाईबीएन न्यूज।धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में बंद एक नटवरलाल ने जेल से भागने की साजिश रची। इस योजना में उसने दो सिपाहियों को भी अपनी साजिश का हिस्सा बना लिया। लेकिन, डासना जेल प्रशासन की सतर्कता के चलते जेल में बैठे नटवरलाल की साजिश नाकाम हो गई।
यह है पूरा मामला
डासना जिला कारागार में बंद कंकरखेड़ा निवासी बिजेंदर पर धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। पैसे के लेनदेन के कई मामलों में ईडी ने भी उसे आरोपी बनाया हुआ था। फिलहाल बिजेंद्र गाजियाबाद की डासना जेल में बंद है, और पिछले काफी समय से जेल में बैठकर जेल ब्रेक करने की योजना बना रहा था। सूत्रों के अनुसार वह जेल से बाहर निकलकर विदेश भागने की फिराक में था।
परवाना लेकर पहुंचे सिपाही
बिजेंदर ने जेल से बाहर निकालने के लिए एक योजना बनाई इस योजना में गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में तैनात सिपाही सचिन चौधरी और राहुल कुमार को भी साजिश का हिस्सा बनाया। बीते शनिवार को दोनों सिपाही बिजेंद्र को छुड़ाने के लिए डासना जेल पहुंचे। दोनों सिपाहियों ने डासना जेल प्रशासन को नोएडा पेशी का परवाना दिखाते हुए विजेंद्र को अपने साथ ले जाने की मांग रखी। लेकिन, जो परवाना सिपाहियों ने दिया उसपर छह कैदियों की पेशी दर्ज थी। जेल प्रशासन 6 कैदियों को भेजने पर सहमत थे। लेकिन, दोनों सिपाही केवल विजेंद्र को साथ ले जाने की जिद पर अड़ गए। दोनों सिपाहियों की इस मांग के चलते जेल प्रशासन को शक हुआ और जेल अधिकारियों ने इस मामले की शिकायत अधीक्षक से की। जेल अधीक्षक ने जांच के लिए डीसीपी सिटी धनंजय जायसवाल से फोन पर संपर्क किया और उन्होंने इस मामले की जांच करने को कहा, डीसीपी सिटी ने एसीपी लीपि नागाईच को पूरे मामले की जांच करने के आदेश दिए।
जेलर की सतर्कता
जिला प्रशासन की सतर्कता को देख दोनों सिपाही डासना जेल से रफू-चक्कर हो गए। पुलिस जांच में दोनों की गतिविधि संदिग्ध पाई गई। दोनों सिपाहियों को गिरफ्तार करने के लिए कवि नगर थाने की एक टीम पुलिस लाइन पहुंची और वहां राहुल कुमार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया जबकि सचिन चौधरी मौके से फरार हो गया। कुछ देर बाद सिपाही सचिन चौधरी ने भी कविनगर थाने में आत्मसमर्पण कर दिया। जब कविनगर थाने की पुलिस ने दोनों सिपाहियों से पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया।
सिपाही सचिन चौधरी और राहुल कुमार गाजियाबाद कमिश्नरेट में तैनात है और इस समय दोनों पुलिस लाइन की गणना विभाग में कार्यरत है। क्योंकि गणना विभाग से ही पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है जिसका फायदा उठाते हुए दोनों सिपाहियों ने बिजेंद्र को जेल से भगाने की कोशिश की थी। जिला कारागार डासना के जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा की जागरूकता के चलते पूरी साजिश नाकाम हो गई।
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