जिले में पुराने पुलिस कमिश्नर के खिलाफ जिस तरह से लोनी विधायक ने मोर्चा खोलकर लगातार भ्रष्टाचार समेत तमाम आरोप लगाए थे। ठीक उसी तरह आगरा से गाजियाबाद आ रहे पुलिस कमिश्नर जे.रविंदर गौड़ के खिलाफ भी आगरा केंट से बीजेपी विधायक ने मोर्चा खोला था। बीजेपी विधायक डॉ. जी.एस.धर्मेश ने आगरा पुलिस कमिश्नरेट को आगरा पुलिस कमीशन रेट के नाम से सार्वजनिक संबोधित ही नहीं किया था बल्कि सीएम योगी से भी शिकायतें की थीं। ऐसे में सवाल उठता है कि नये पुलिस कमिश्नर के साथ क्या गाजियाबाद के बीजेपी विधायक नंदकिशोर की ट्यूनिंग बैठ पाएगी?
ये हैं नये पुलिस कमिश्नर
जे रविन्दर गौड ने 11 जनवरी 2024 को पहली बार आगरा के पुलिस आयुक्त पद पर कार्यभार ग्रहण किया था। उस समय आगरा पुलिस की छवि चर्चित जगदीशपुरा कांड से खराब हो रही थी। लेकिन पुलिस आयुक्त रहते हुए जे. रविन्दर गौड़ ने अपने कार्यकाल में नए प्रयोगों से नई आगरा में तैनात खाकी वालों को पुलिसिंग सिखाई। उन्होंने साक्ष्य आधारित विवेचना से लेकर बीट पुलिस अधिकारी की व्यवस्था लागू कराई। इसके साथ ही उनके नेतृत्व में कमिश्नरेट पुलिस ने कई बड़े गुडवर्क किए। जे रविंद्र गौड के बारे में कहा जाता है कि वे पुलिसिंग को लेकर सख्त मगर, जनता के लिए बेहद नम्र हैं। मुरादाबाद, मेरठ जैसे शहरों में बतौर एसएसपी रह चुके हैं। गौतमबुद्धनगर में एएसपी रह चुके हैं। गोरखपुर के डीआईजी और आईजी भी रहे हैं। आगरा में बतौर पुलिस कमिश्नर उनकी पहली पोस्टिंग थी।
बेस्ट पुलिसिंग पर रखते हैं फोकस
अपने आगरा के कार्यकाल में उन्होंने जगदीशपुरा कांड में निष्पक्ष विवेचना कराई और गैंग में शामिल कई लोगों को जेल भिजवाया।इसके बाद उन्होंने कार्यालयों, थानों और पुलिस चौकियों के सुंदरीकरण पर ध्यान दिया। जिले में कई थाने आइएसओ सर्टीफाइड बन गए। पुलिस आयुक्त ने साक्ष्य आधारित विवेचना प्रणाली लागू की। इसकी पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी। फीडबैक सेल से थानों में पनप रहे भ्रष्टाचार पर नजर रखी। वहीं बीट पुलिस अधिकारी की व्यवस्था से पुलिस को नेटवर्क मजबूत किया।
बड़े गैंग्स का कराया पर्दाफाश
उनके कार्यकाल में कई बड़ी घटनाएं हुईं, लेकिन उनका समय से ही पर्दाफाश हो गया। कुछ वक्त पहले फर्जी दस्तावेजों से बैनामा कराने वाले बड़े गैंग का पर्दाफाश हुआ था। इसकी जांच को उन्होंने एसआईटी बना दी । इस तरह के और भी कई बड़े मामलों का उनके कार्यकाल में पर्दाफाश हुआ।
पुलिसिंग को लेकर टफ, जनता के लिए सॉफ्ट
जे रविंद्र गौड़ के बारे में बताते हैं कि वो मानते हैं कि जनता के सहयोग के बिना अपराध और अपराधियों पर कंट्रोल नहीं किया जा सकता। आगरा में अपने कार्यकाल में जे रविंद्र गौड़ नये प्रयोगों से पुलिस को नई दिशा दी है। उन्होंने साक्ष्य आधारित विवेचना और बीट पुलिस अधिकारी प्रणाली शुरू की है। फीड बेक सेल से थानों में होने वाली गड़बड़ियों पर उन्होंने नजर रखी। बीट पुलिस अधिकारी की व्यवस्था से पुलिस के नेटवर्क को मजबूत किया। अब उन्हें गाजियाबाद
जैसे महत्वपूर्ण पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनाती मिली है। जाहिर है कि उनके नये प्रयोग गाजियाबाद में भी होंगे । लेकिन वो उनमें कितने सफल होते हैं ये आने वाला समय ही बताएगा। जेरविंद गौड पश्चिम में
क्या नंदकिशोर से बैठ पाएगी ट्यूनिंग?
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जे. रविंदर गौड़ के कार्यकाल में आगरा केंट के बीजेपी विधायक ने आगरा पुलिस कमिश्नरेट को आगरा पुलिस कमीशन नाम दिया था।
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उन्होंने पुलिस पर भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर आरोप लगाते हुए सीएम योगी से बीजेपी के लोनी विधायक नंदकिशोर की ही तरह शिकायत की थी। अब ये देखने वाली बात होगी कि जे. रविंदर गौड़ के साथ नंदकिशोर की ट्यूनिंग बैठेगी या फिर अजय कुमार मिश्रा की ही तरह नंदकिशोर का गाजियाबाद पुलिस के खिलाफ हल्लाबोल पहले की ही तरह जारी रहेगा।