गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के संविदा कर्मचारियों द्वारा 20 मई 2025 से प्रस्तावित 72 घंटे की प्रदेशव्यापी हड़ताल को लेकर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने विद्युत वितरण को एक आवश्यक सेवा बताते हुए इसकी निर्बाध आपूर्ति को प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता करार दिया है।
इस हड़ताल के मद्देनजर महात्मा गांधी सभागार, कलेक्ट्रेट में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें विद्युत विभाग, संविदा एजेंसियों, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए), नगर निगम, आईटीआई, पॉलिटेक्निक और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
हड़ताल की पृष्ठभूमि
संविदा कर्मचारियों की हड़ताल का मुख्य कारण उनकी मांगें हैं, जिनमें 55 वर्ष की आयु सीमा के आधार पर छंटनी रद्द करना, बकाया वेतन भुगतान, समान कार्य के लिए समान वेतन, फेसियल अटेंडेंस की बाध्यता समाप्त करना, और घायल कर्मचारियों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा शामिल हैं। कर्मचारियों का है कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन द्वारा उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते वे हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं।
इससे पहले, 15 मई 2025 को लखनऊ के शक्ति भवन पर करीब 10,000 संविदा कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों से स्थिति की रिपोर्ट मांगी थी। गाजियाबाद में भी कर्मचारियों ने जिला मुख्य अभियंता कार्यालय पर धरना शुरू किया है, और उनकी मांग है कि उनकी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचे।
जिलाधिकारी की सख्ती
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि विद्युत आपूर्ति किसी भी हाल में बाधित नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह न केवल घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के लिए, बल्कि अस्पतालों, डेटा सेंटर्स और अन्य आपातकालीन सेवाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने संविदा एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे हड़ताल की स्थिति में कार्य संचालन के लिए बैकअप योजना तैयार रखें और अपने कार्यबल की सूची व आपातकालीन कर्मचारियों के प्रबंध तुरंत उपलब्ध कराएं।
उन्होंने अधिकारियों को कर्मचारी संगठनों और विभागीय अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया। साथ ही, हड़ताल को प्रेरित या उकसाने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और ऐसे सरकारी कर्मचारियों या अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
हड़ताल का संभावित प्रभाव
पिछले अनुभवों को देखें तो 2023 में गाजियाबाद में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान 24 घंटे में 60 स्थानों पर फॉल्ट हुए थे, जिससे कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी। बिजलीघरों पर ताले लगे थे और हेल्पलाइन नंबर काम नहीं कर रहे थे। इस बार भी ऐसी स्थिति से बचने के लिए प्रशासन पहले से सतर्क है। हड़ताल के दौरान बिजली बिल जमा करने, बिलों में संशोधन, फॉल्ट ठीक करने, नए मीटर लगाने, और नए कनेक्शन देने जैसे कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
कर्मचारियों का पक्ष
यूपीपीसीएल निविदा-संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि 55 वर्ष की आयु सीमा के नाम पर हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है, और हाल ही में 26,000 कर्मचारियों की छंटनी की प्रक्रिया शुरू की गई है। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं।
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