गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
बिल्डर की जालसाजी
गाजियाबाद जिले में बड़े स्तर पर राजस्व चोरी का खेल चल रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ बिल्डरों ने नियमों के खिलाफ जाकर बिना रजिस्ट्री कराए ही लोगों को फ्लैट पर कब्जा दे दिया। इनकी संख्या 10 हजार के करीब बताई जा रही है। माना जा रहा है कि ऐसा होने से शासन को कई सौ करोड़ों की राजस्व की चपत लगी। इससे बायर्स को भी नुकसान है
समय से रजिस्ट्री हो जाती तो लोगों को भी कम शुल्क देना पड़ता, लेकिन कुछ बड़े बिल्डरों ने बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट लिए ही पजेशन दे दिया। प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है। ऐसा करने वाले बिल्डरों पर केस दर्ज कराया जाएगा
बिल्डर की शिक़ायत
पिछले दिनों शासन की तरफ से 10 और 25 हजार के स्टांप को चलन से बाहर कर दिया गया। ऐसे में जिनके पास इस तरह के स्टांप थे उन्होंने प्रशासन से शिकायत की। इसमें कहा गया कि बिल्डर ने फ्लैट पर कब्जा तो दे दिया, लेकिन रजिस्ट्री नहीं करवाई है। इस पर एआईजी स्टांप के आदेश के बाद इसका सर्वे किया गया तो पता चला कि जिले में फ्लैट की संख्या ज्यादा है, लेकिन रजिस्ट्री कम हुई है।
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खास बात यह है कि बिल्डर की तरफ से बायर्स से स्टांप के पैसे ले लिए गए। इसके बाद भी अभी तक रजिस्ट्री नहीं गई। बिना रजिस्ट्री वाले फ्लैट की संख्या 10 हजार के आसपास बताई जा रही है। यदि इनकी रजिस्ट्री हो जाती है तो 100 करोड़ रुपए के राजस्व की आय होगी।
फिलहाल प्रशासन की तरफ से ऐसे सभी बिल्डर को नोटिस दिए जाने की तैयारी कर रही है। एडीएम फाइनैंस एंड रेवेन्यू (एफआर) सौरभ भट्ट का कहना है कि ऐसे सभी फ्लैट का सर्वे किया जा रहा है। कुछ चिह्नित हो चुके हैं, उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है। नोटिस के बाद भी यदि रजिस्ट्री नहीं हुई तो संबंधित बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
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