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Ghaziabad News- "किसानों के हक की लड़ाई से लेकर 'पाकिस्तान चढ़ाई' तक: नरेश टिकैत के बयानों का हटके अंदाज"

नरेश टिकैत की ये कहानी बताती है कि किसान आंदोलन के साथ-साथ उनके बयान भी एक अलग तरह का आंदोलन हैं। चाहे जमीन की लड़ाई हो, पानी का मुद्दा हो, या फिर पाकिस्तान पर 'ट्रैक्टर चढ़ाई' की बात, टिकैत का अंदाज हमेशा हटके रहता हैं

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Kapil Mehra
फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

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गाजियाबाद के रजापुर में किसानों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का अंदाज एक बार फिर सुर्खियों में है। किसानों की जमीन को लेकर सरकार पर निशाना साधने से लेकर पाकिस्तान और पानी जैसे मुद्दों पर उनके बयानों ने सबका ध्यान खींचा। लेकिन टिकैत का हर बयान जितना जोरदार होता है, उतना ही चर्चा में रहता है उनका 'पलटने' का अंदाज। आइए, इस हटके कहानी को थोड़ा करीब से देखते हैं।

किसानों की जमीन पर अडिग रुख

रजापुर में किसानों के हक की लड़ाई में नरेश टिकैत ने सरकार को दो टूक सुनाया। उन्होंने कहा, "किसी भी कीमत पर सरकार किसानों की जमीन हड़प नहीं सकती।" उनका ये बयान किसानों के बीच जोश भरने वाला था। टिकैत का ये रुख दिखाता है कि वो किसानों के हितों के लिए हर मोर्चे पर डटकर मुकाबला करने को तैयार हैं। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।

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फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

पाकिस्तान पर बयान: चढ़ाई से 'नो-एंट्री' तक

नरेश टिकैत के बयानों का रंग तब और चटकीला हो गया, जब बात पाकिस्तान तक पहुंची। पहले तो उन्होंने गरजते हुए कहा, "जरूरत पड़ी तो हजारों ट्रैक्टर लेकर पाकिस्तान पर चढ़ाई कर देंगे।" ये बयान सुनकर हर कोई हैरान था।

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ट्रैक्टरों की फौज और पाकिस्तान? ये तो वाकई हटके था! लेकिन टिकैत साहब का अंदाज निराला है। थोड़े ही समय बाद वो अपने बयान से पलट गए। बोले, "हम क्यों जाएंगे अपने ट्रैक्टर-ट्राली लेकर पाकिस्तान?" साथ ही उन्होंने मीडिया पर ठीकरा फोड़ा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। अब इसे टिकैत का स्टाइल कहें या रणनीति, लेकिन इस 'U-टर्न' ने सोशल मीडिया से लेकर चाय की टपरी तक चर्चा छेड़ दी।

पानी का मुद्दा

पंजाब सरकार पर बरसेपंजाब सरकार द्वारा दिल्ली और हरियाणा के लिए पानी रोकने के मुद्दे पर भी टिकैत ने अपनी बात बेबाकी से रखी। उन्होंने कहा, "पंजाब सरकार का पानी रोकना सरासर गलत है। पानी सिर्फ किसानों के लिए नहीं, जीव-जंतुओं और आम नागरिकों के पीने के लिए भी जरूरी है।" इस बयान में टिकैत ने न सिर्फ किसानों की बात की, बल्कि पानी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर एक व्यापक नजरिया पेश किया। ये दिखाता है कि वो सिर्फ किसानों के नेता नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की चिंता करने वाले शख्स हैं।

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फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

तो क्या है टिकैत का 'हटके' मंत्र?

नरेश टिकैत का ये अंदाज उन्हें दूसरों से अलग करता है। एक तरफ वो किसानों के लिए सरकार से भिड़ने को तैयार हैं, तो दूसरी तरफ उनके बयान कभी हंसी, कभी हैरानी, तो कभी बहस छेड़ देते हैं। 'पाकिस्तान चढ़ाई' से लेकर 'मीडिया ने तोड़ा-मरोड़ा' तक, टिकैत हर बार कुछ नया रंग लेकर आते हैं। उनके बयानों का 'पलटना' शायद उनकी रणनीति का हिस्सा हो, जिससे वो हर बार चर्चा में बने रहते हैं।

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