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गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में सालों से चली आ रही एक समस्या अब इतिहास बनने की कगार पर है। आम लोग म्यूटेशन, प्रॉपर्टी अलॉटमेंट या किश्तों की जानकारी जैसे सामान्य कामों के लिए महीनों तक जीडीए के चक्कर काटते थे। कर्मचारियों की लेटलतीफी और बाबुओं की मनमानी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा था। लेकिन अब जीडीए ने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है, जिसका नाम है पब्लिक एक्सेस फॉर हाउसिंग एंड प्रापर्टी अलॉटमेंट लॉगिन (PAHAL)। दावा है कि इस सिंगल विंडो सिस्टम से कोई भी काम अब दो घंटे के भीतर पूरा हो जाएगा!
PAHAL: घर बैठे हर समाधान का एक मंच
जीडीए की बोर्ड बैठक के बाद शुरू किया गया PAHAL पोर्टल एक ऐसा डिजिटल मंच है, जो आवंटियों को सभी सेवाएं एक ही जगह उपलब्ध कराएगा। चाहे बात म्यूटेशन की हो, अलॉटमेंट लेटर की, देय किश्तों की जानकारी की, जमा धनराशि की, गलतियों में सुधार की, या फिर धनराशि रिफंड की—सब कुछ अब घर बैठे ऑनलाइन हो सकेगा। इस सिस्टम को लागू करने के लिए जीडीए ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) तैयार किया है, और इसका ट्रायल भी जोर-शोर से चल रहा है।
पोर्टल को विकसित करने वाली कंपनी के कर्मचारी जीडीए के बाबुओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। वे न सिर्फ कर्मचारियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं, बल्कि उनके फीडबैक के आधार पर सिस्टम को और बेहतर भी बना रहे हैं। जीडीए का दावा है कि इस नई व्यवस्था से बाबुओं की मनमानी और फाइलों को दबाने की पुरानी बीमारी पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
यूनिक आईडी और ओटीपी: पारदर्शिता की गारंटी
PAHAL पोर्टल की सबसे खास बात है इसकी यूनिक आईडी व्यवस्था। प्रॉपर्टी आवंटन के बाद हर आवंटी को एक यूनिक आईडी दी जाएगी, जिसे मोबाइल नंबर और ओटीपी के जरिए लॉगिन किया जा सकेगा। इस आईडी के जरिए आवंटी अपनी प्रॉपर्टी से जुड़ी हर जानकारी जैसे कितनी किश्तें जमा हुईं, कितनी बाकी हैं, या प्रॉपर्टी का पूरा ब्यौरा कभी भी, कहीं से भी देख सकेंगे। यह सिस्टम न केवल पारदर्शी है, बल्कि आवंटियों को आत्मनिर्भर भी बनाएगा।
म्यूटेशन की झंझट खत्म, अब मिनटों में काम
पहले म्यूटेशन जैसा छोटा-सा काम भी जीडीए में महीनों की परेशानी का सबब बन जाता था। अधिकारी अप्रूवल दे भी दें, तो बाबू फाइल को दबाए बैठे रहते थे। नियम के मुताबिक, उनके पास म्यूटेशन के लिए 60 दिन का समय होता था, जिसका फायदा उठाकर वे आवेदकों को चक्कर लगवाते थे। लेकिन अब PAHAL ने इस समस्या का जड़ से खात्मा कर दिया है।
नई व्यवस्था में जैसे ही अधिकारी म्यूटेशन को अप्रूव करेगा, आवेदक को तुरंत ईमेल के जरिए सूचना मिल जाएगी। इसके बाद वह ऑनलाइन म्यूटेशन फीस जमा कर आवेदन कर सकेगा। जैसे ही जीडीए के खाते में पैसा जमा होगा, बाबू को सिस्टम में यह दिखाई देगा, और म्यूटेशन की प्रक्रिया तुरंत पूरी हो जाएगी। सबसे बड़ी राहत यह है कि अब फीस के अप्रूवल के लिए फाइल को लेखा अनुभाग में नहीं भेजा जाएगा, जिससे पहले 10 से 20 दिन तक का समय बर्बाद होता था।
जीडीए की नई सुबह: तेजी, पारदर्शिता और जवाबदेही
PAHAL पोर्टल जीडीए के कामकाज में एक नई सुबह लेकर आया है। यह न केवल लोगों की परेशानियों को खत्म करेगा, बल्कि जीडीए के कर्मचारियों को भी जवाबदेह बनाएगा। डिजिटल सिस्टम के जरिए हर प्रक्रिया का रिकॉर्ड रखा जाएगा, जिससे मनमानी की गुंजाइश ही नहीं बचेगी। साथ ही, आवंटियों को बार-बार दफ्तर के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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