गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।
सत्ता-विपक्ष के पार्षदों सहित तमाम जनप्रतिनिधियों के विरोध के बावजूद नगर निगम के अफसरों ने डीएम सर्किल रेट से चार गुना टैक्स वसूली का प्रस्ताव पास कर बिल तो भेज दिए। मगर, उसकी वसूली कर पाना आासान नहीं। गाजियाबाद की अधिकांश आरडब्लूए ने इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विरोध का आलम ये है कि शनिवार को हुई जूम मीटिंग में सबने एक स्वर में कह दिया है कि आर या पार।
'मूलभूत सुविधाएं नदारद, ऊपर से टैक्स की मार'
बैठक में मौजूद पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा संपत्तियों के पंजीकरण में यूपी के किसी भी जिले के निगम से ज्यादा कमाई करने वाले इस महानगर में पैसा जुटाने के बहुतेरे साधन हैं। इसके बावजूद मूलभूत सुविधाएं जैसे कूड़ा निस्तारण, अतिक्रमण मुक्त शहर और गुणवत्तायुक्त पेयजल देने में विफल नगर निगम कई गुना टैक्स बढ़ाकर लोगों पर जुल्म ढा रहा है। फैसले पर पुनर्विचार करने की बात सभी पदाधिकारियों ने कही।
ये बोले तेजेंद्र पाल त्यागी
कोरवा संस्था यूपी के मुख्य संरक्षक कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने कहा कि नगर निगम हर दो साल के बाद दस प्रतिशत की वृद्धि होती रही है | अब अचानक गृहकर मे करीब कईगुना बढ़ोतरी बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। उन्होने कहा कि गाजियाबाद नगर निगम के पास न तो पैसे की कमी है, न ही पैसा कमाने के साधनों की । ऊपर से जितने संपत्तियो के पंजीकरण गाजियाबाद मे होते है उतने उत्तर प्रदेश के किसी और शहर मे नहीं होते | वर्तमान मे न तो पीने के पानी की मात्रा और गुणवत्ता मे सुधार हुआ है, और न ही कूड़ा निस्तारण और अतिक्रमण हटाने में | ऐसे मे गृहकर मे वृद्धि अनावश्यक और असहनीय है |
कोरवा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा
कोरवा यूपी के अध्यक्ष डॉ. पवन कौशिक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद नगर निगम में करों की दर सबसे ज्यादा यानि रूपयें 4,00 प्रति वर्ग फुट है। जबकि अन्य शहरो मे 2.50 रुपए से भी कम है | उन्होने कहा कि नियमानुसार पूर्व करों में वृद्धि दुगने से अधिक नहीं हो सकती। जबकि यहां उससे भी बहुत ज्यादा की जा रही है। गाजियाबाद नगर निगम द्वारा वर्ष 2023-2024 में सम्पत्ति करों की वर्तमान दरों में दस प्रतिशत की वृद्धि की जा चुकी है जो वर्ष 2024-2025 (31.03.2025) तक लागू है। इस अवधि में अन्य किसी भी प्रकार की वृद्धि किया जाना नगर निगम अधिनियम के विपरीत होगा।
बीजेपी नेता बोले-नियमों का घोर उलंघन किया गया
बैठक मे गाजियाबाद नगर निगम के पूर्व पार्षद राजेंद्र त्यागी जी को बतौर विशेष अतिथि आमंत्रित किया गया था | उन्होने विस्तार से जानकारी दी और कहा कि नगर निगम द्वारा डी एम सर्किल रेट आधारित गृह कर में वृद्धि नगर निगम नियमो का घोर उलंघन है | उन्होने बाकायदा नियमो की संख्या , नगर निगम की बैठकों का विवरण और उत्तर प्रदेश शासन के आदेशों को मनमाने तरीके से लागू करने का उल्लेख करते हुये नगर निगम के गृहकर वृद्धि के आदेश को वापस लेने की मांग का समर्थन किया | उन्होने यह भी बताया कि डीएम सर्किल रेट की बजाय किराये की वर्तमान न्यूनतम दर को भी आधार बनाया जा सकता था। उत्तर प्रदेश से अवस्थापना निधि के रूप मे अतिरिक्त धन राशि ली जा सकती थी। सरकारी प्रतिष्ठानों से संपत्तिकर वसूला जा सकता था।
बैठक में ये मुद्दे भी उठे
- यदि भवन दस वर्ष से अधिक पुराना नही है तो 25 प्रतिशत कम और यदि वह दस वर्ष से अधिक किन्तु बीस वर्ष से कम पुराना है तो 32.5 प्रतिशत कम और यदि वह बीस वर्ष से अधिक पुराना है तो 40% कम, गृह कर होना चाहिए परंतु ऐसा नहीं किया गया है |
- -अगर कवर्ड ऐरिया का रेट एक रूपयें प्रति वर्ग फुट हैं तो कारपेट ऐरिया का रेट 0.80 पैसे प्रति वर्ग फुट होना चाहिए लेकिन नगर निगम के अधिकारी बहुत ज्यादा वसूल रहे हैं। लोगों को पिछले गृहकर के मुक़ाबले तीन गुना ज्यादा बिल मिल रहा है जबकि समस्याए मुंहु बाए खड़ी है |
- -बैठक के आखिर में सभी सदस्यो ने एक स्वर मे कहा की हम गृहकर तब जमा करेंगे जब नगर निगम अपने वर्तमान आदेश पर पुनर विचार करेगा |
बैठक में ये रहे मौजूद
इस अवसर पर डा पवन कौशिक ( राजेन्द्र नगर ) , जय दीक्षित ( शालीमार गार्डन ),, कैलाश चंद्र शर्मा ( टी एच ए ) , डा आर के आर्या( विजय नगर ) , पी एस सिंह ( नोएडा ) , आलोक सिंह ( लखनऊ ) , ऐडवोकेट अंशु त्यागी ( वसुंधरा ) , मुलेन्द्र शर्मा ( ग्रेटर नोएडा ) , विनोद जिंदल (कविनगर ), डा मधु सिंह ( नोएडा ), नेम पाल चौधरी ( प्रताप विहार ) , राज कुमार त्यागी( राजनगर एक्सटेंशन ) ,गौरव बंसल ( सिटी जॉन ) , राजेन्द्र त्यागी ( राजनगर ) |
कैलाश चंद्र शर्मा , 99103 38146
महासचिव प्रशासनिक , कोरवा-यूपी