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जिले का इतिहास जानता है कि गाजियाबाद में अपनी पोस्टिंग कराने में सफल रहने वाला हर पुलिसकर्मी चाहता है कि उसकी तैनाती ट्रांस हिंडन एरिया में हो। ऐसा दशकों से चला आ रहा है। पुराने से लेकर नये पुलिसकर्मी और अफसर भी जानते हैं कि इसकी वजह क्या है? इस क्षेत्र में अपराध और अपराधियों की भरमार है। लेकिन पुलिसकर्मियों का फोकस क्राइम कंट्रोल की बजाय अन्य कामों में ज्यादा रहता है। नतीजतन अपराधों में बेतहाशा इजाफा। इसी स्थिति को काबू करने के लिए ट्रांस हिंडन जोन में जहां 19 चौकी प्रभारियों के कार्यक्षेत्रों में बदलाव किया गया है, वहीं दो सौ से ज्यादा नये पुलिसकर्मियों की तैनाती हुई है। जाहिर है कि आला अफसरों की मंशा वीआईपी जोन कहे जाने वाले ट्रांस हिंडन में अपराधों और अपराधियों पर लगाम लगाना ही है।
ये चौकी प्रभारी बदले गए
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दो सौ से ज्यादा पुलिसकर्मियों की भी तैनाती
ट्रांस हिंडन जोन में वैशाली, वसुंधरा, इंदिरापुरम, कौशांबी के अलावा डीएलएफ कॉलोनी समेत करीब एक दर्जन से ज्यादा वीआईपी कल्चर वाले इलाके हैं। यही नहीं संवेदनशीलता के लिहाज से भी करीब एक दर्जन ऐसे इलाके हैं जहां अपराध और सांप्रदायिकता की दृष्टि से पुलिस का सक्रिय रहना बेहद जरूरी है। लिहाजा, इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए और इस इलाके में अपराधों की रफ्तार पर अंकुश लगाने के लिए उच्चाधिकारियों को ये कसरत करनी पड़ी है। देखना होगा कि इसका कितना असर इलाके की कानून व्यवस्था पर पड़ता है।