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पुलिस कमिश्नर के रूप में चार्ज लेने के बाद सीनियर आईपीएस जे. रविन्दर गौड ने बीट सिस्टम को मजबूत करने के लिए लंबी कवायद की। पुलिसकर्मियों को शिष्टाचार का पाठ पठाने के लिए कई क्लास भी लीं। इस कवायद के बाद अब भी लापरवाही बरत रहे पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन मोड शुरू हो गया है। शुरुआत देहात जोन से करते हुए छह पुलिसकर्मियों को लाइन का रास्ता दिखाया गया है। अगला नंबर सिटी और ट्रांस हिंडन जोन का है।
इन पर हुई कार्रवाई
जिन पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन का रास्ता दिखाया गया है उनमें दो सब-इंस्पेक्टर हैं तो चार हेड कांस्टेबल हैं। इन सभी पर सत्यापन के काम में लापरवाही बरतने और उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अनदेखी करने का आरोप है। सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ ये कार्रवाई सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। इन पुलिसकर्मियों में मोदीनगर कोतवाली, थाना ट्रॉनिका सिटी और भोजपुर में तैनात पुलिसकर्मी हैं।
इसलिए हुई कार्रवाई
पुलिस आयुक्त जे. रविन्दर गौड ने गाजियाबाद कमिश्नरेट में बीट पुलिस प्रणाली लागू की थी। इसमें प्रत्येक बीट क्षेत्र में बीट उप निरीक्षक और बीट पुलिस अधिकारी नियुक्त हैं। इस व्यवस्था को सफल बनाने के लिए पुलसकर्मियों के कार्य और व्यवहार की उच्चाधिकारियों द्वारा समीक्षा भी हो रही है। इसमें पाया गया कि बीट उप निरीक्षक और बीट पुलिस अधिकारी कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं। ये अपनी-अपनी बीट कार्य में रुचि नहीं ले रहे हैं। इन्होंने अभियुक्तों का सत्यापन सही ढंग से नहीं किया, जिस कारण अभियुक्तों ने दोबारा से अपराधकिया। इस संबंध में सहायक पुलिस आयुक्त लोनी, गोदीनगर ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर पुलिस उपायुक्त ग्रामीण सुरेंद्र नाथ तिवारी ने सभी को पुलिस लाइन रवाना करने का आदेश दिया।
ये हैं पुलिसकर्मी
ट्रोनिका सिटी थाने में तैनात उप निरीक्षक विजेंद्र कुमार, उप निरीक्षक प्रशिक्षु अरविंद कुमार, मुख्य आरक्षी (हेड कांस्विटेबल) विकास राणा, मुख्य महिला आरक्षी नीशू, भोजपुर थाने में तैनात मुख्य आरक्षी चरण सिंह और मोदीनगर थाने में तैनात मुख्य आरक्षी सुनील हैं।
अगला नंबर सिटी-ट्रांस हिंडन जोन का
अधिकारिक सूत्रों का दावा है कि इसी तरह की पड़ताल सिटी जोन औऱ ट्रांस हिंडन जोन में भी चल रही है। जांच रिपोर्ट आते ही यहां के लापरवाह कई पुलिसकर्मियों को भी लाइन भेजने का फरमान जारी होगा। सूत्रों का कहना है कि पुलिस कमिश्नर ने सीधे शब्दों में कहा है कि उन्हीं पुलिसकर्मियों की तैनाती थाने-कोतवाली और चौकियों पर की जाए जो अपनी डयूटी अफसरों के निर्देशों पर बिना किसी लापरवाही के करें।