Advertisment

Ghaziabad Police: कमिश्नर साहब ! सुधारिये कचहरी(RDC) चौकी का हाल, सिर्फ वसूली पर फोकस, वाहन चोरी से सब हलकान

शहर का कनॉट प्लेस कहे जाने वाले आरडीसी इलाके की चौकी कचहरी(RDC) में तमाम सरकारी दफ्तर आते हैं। मगर, यहां लोग वाहन चोरी की वारदातों से परेशान हैं। खुद पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज वारदातें इसका सबूत हैं। बावजूद इसके यहां पुलिस को सिर्फ अवैध वसूली से मतलब है।

author-image
Rahul Sharma
GZB kachahri chauki-1

गाजियाबाद के जिला न्यायालय परिसर में बनी पुलिस चौकी और उसके क्षेत्र में आने वाले पुलिस आयुक्त ऑफिस और जिलाधिकारी कार्यालय।

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

Advertisment

पुलिस कमिश्नर का घोषित दफ्तर, जिलाधिकारी कार्यालय, जिला जज यानि जिला न्यायालय का परिसर, सेल्स टेक्स का ऑफिस और बिजली विभाग के मुख्य अभियंता के दफ्तर समेत गाजियाबाद का कनॉट प्लेस कहा जाने वाला आरडीसी का इलाका। ये पूरा का पूरा क्षेत्र सुरक्षा के लिहाज से थाना कविनगर की पुलिस चौकी कचहरी(RDC)के अंतर्गत आते हैं। लेकिन इस पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों को यहां सिटी एरिया में होने वाली सबसे ज्यादा वाहन चोरी की वारदातों से कोई सरोकार नहीं। पुलिस का रिकॉर्ड ही बताने को काफी है कि इस चौकी क्षेत्र में सबसे ज्यादा वाहन चोरी की वारदातें होती हैं। मगर, यहां तैनात पुलिसकर्मियों को इससे कोई सरोकार नहीं। बल्कि उन्हें सिर्फ गाजियाबादी कनॉट प्लेस से होने वाली अवैध वसूली से ही मतलब है। ये हम नहीं कह रहे, बल्कि ये कहना है पुलिसकर्मियों से परेशान कुछ आरडीसी के व्यापारी और कारोबारियों का। नये पुलिस कमिश्नर पुलिस की छवि के साथ-साथ क्राइम कंट्रोल पर भी फोकस कर रहे हैं। लिहाजा उनके प्रयास सार्थक होंगे तो इस वीआईपी इलाके में सक्रिय वाहन चोरों का गैंग भी पकड़ा जा सकेगा।

ये हैं हालात

ये सच है या झूठ यदि कमिश्नर पड़ताल कराएंगे तो साफ हो जाएगा कि चंद रोज पहले आरडीसी में होटल-बार और रेस्टोरेंट कराने वालों के साथ पुलिस की एक मीटिंग हुई। मीटिंग में मौजूद पुलिस के अफसर ने 20 हजार रुपये महीने की पेशकश की। सीधे तौर पर हिदायत दी गई कि 20 हजार रुपये महीना देना होगा, वरना कारोबार को कायदे-कानूनों को ताक पर रखकर चलाना भारी पड़ेगा। कुछ ने सहमति दे दी। कुछ ने विचार कर बताने को कहा, तो कुछ ने असमर्थता जता दी। लेकिन साहब का फरमान साफ था। यानि होटल-रेस्टोरेंट में बिना कानून का पालन किए कुछ गलत किया तो सोच लेना। पुलिस लगातार इसी फोकस में है कि कहां कायदे-कानून का उलंघन हो रहा है, वो भी वहां जो सुविधा शुल्क नहीं दे रहे या देने में आना-कानी कर रहे हैं।

Advertisment

धड़ाधड़ हो रही वाहन चोरी, किसी को फिक्र नहीं

इसके इतर आलम ये है कि चाहें पुलिस कमिश्नर का ऑफिस हो, जिलाधिकारी कार्यालय हो, जिला न्यायालय केंपस हो, कचहरी हो या फिर आरडीसी। वाहन चोरी की वारदातें लगातार और लगभग हर रोज हो रही हैं। मगर, खाकी को उनमें शामिल गिरोह को पकड़ने या उन पर अंकुश लगाने और या फिर ऑपरेशन लंगड़ा के तहत उन्हें खाकी का रसूख दिखाने की फुरसत ही नहीं है।

ये है ताजा दर्ज केस 

Advertisment

कचहरी परिसर में ही बने राज्य कर विभाग के प्रधान सहायक के पद पर कार्यरत सुरेंद्र कुमार ने एक अप्रैल को अपनी मोटर साइकिल कार्यालय के बाहर ही केंपस में खड़ी की थी। शाम को डयूटी करके नीचे लौटे तो देखा बाइक गायब थी। पुलिस ने चार दिन जांच के नाम पर टहलाया। सोमवार को घटना की रिपोर्ट दर्ज की।

सरकारी ही नहीं आम भी बनते हैं शिकार

ऐसा नहीं कि ये सिर्फ पहला मामला है बल्कि इससे पहले जिलाधिकारी कार्यालय, पुलिस उपायुक्त कार्यालय, आबकारी विभाग समेत तमाम सरकारी कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों से लेकर दर्जनों वकीलों और उनके मुवक्किल तक वारदातों के शिकार हो चुके हैं। पुलिस कई-कई दिन बाद केस दर्ज करती है। मगर घटनाओं का कोई खुलासा नहीं।

Advertisment

थाने का रिकॉर्ड गवाह

इस वीआईपी इलाके में होने वाली घटनाओं को लेकर अधिवक्ताओं से लेकर सरकारी कर्मचारी तक परेशान हैं। कई बार इस संबंध में उच्चाधिकारियों से शिकायतें भी की जा चुकी हैं। मगर, इसका असर यहां सक्रिय पुलिसिंग में नजर नहीं आता। लगभग हर दिन यहां वाहन चोरी की इक्का-दुक्का वारदातें दर्ज होती हैं, जो इस बात को तस्दीक करती हैं कि इस वीआईपी एरिया में वाहन चोरों का किस कदर आतंक हैं।

Advertisment
Advertisment