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Ghaziabad Police: 21 लाख का फ्रोड, कमिश्नर ने भी नहीं सुनी गुहार, कोर्ट के आदेश पर FIR

जब किसी के साथ 21 लाख की धोखाधड़ी हो, और उसकी गुहार चौकी-थाने से पुलिस कमिश्नर तक न सुनी जाए तो वो क्या करेगा? जाहिर है कि न्याय पालिका की शरण लेगा। एक शख्स ने यही किया। लंबे समय बाद अब जाकर कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज हुआ है।

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Rahul Sharma
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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

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सोचिए घटना 13 जनवरी 2025 की और केस रजिस्टर्ड 25 मई 2025 को हो रहा है। वो भी 21 लाख की धोखाधड़ी का। ये हाल तब जबकि पीड़ित घटना की लिखित शिकायत चौकी-थाने से लेकर तत्कालीन पुलिस कमिश्नर तक से कर चुका हो। मगर रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। मामला किस कारण नहीं दर्ज हुआ इसका जवाब तो बेहतर तत्कालीन पुलिसकर्मी और अफसर ही जानें। मगर, कोर्ट के आदेश के बाद ये लीगल क्राइम सिटी जोन के कविनगर थाने में दर्ज किया गया है

ये है मामला

119.56 वर्ग मीटर के एक सिटी जोन अंतर्गत प्लाट का सौदा 21 लाख रुपये में हुआ। इस सौदे की सारी रकम लीगल तरीकों से चैक के जरिये व ऑन लाइन दी गई। रजिस्ट्री भी खरीदने वाले के नाम हो गई। मगर कुछ वक्त बाद उसे पता चला कि प्लाट बेचने वाले ने ये प्लॉट उसके नाम करने से पहले किसी और को भी बेच दिया था। इस बात की जानकारी होते ही पीड़ित नियमानुसार पहले चौकी-थाने पहुंचा। जब वहां सुनवाई न हुई तो उच्चाधिकारियों से शिकायत की। जब वहां भी सुनवाई नहीं हुई तो प्रकरण की लिखित शिकायत तत्कालीन पुलिस कमिश्नर से करते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई। बावजूद इसके सुनवाई नहीं हुई और केस दर्ज नहीं हुआ तो पीड़ित कोर्ट की शरण में पहुंचा। कोर्ट ने सारे तथ्यों और साक्ष्यों को देखने के बाद केस दर्ज कर जांच के आदेश पुलिस को दिए। इस पूरी कवायद और जद्दोजहद के बाद वीरवार को कविनगर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है।

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ये है पीड़ित

इस ठगी के शिकार बने शख्स का नाम अमित त्यागी है। अमित त्यागी ने दर्ज एफआईआर में अपना पता कविनगर थाना क्षेत्र के राजनगर सुंदरम अंसल टावर की तीसरी मंजिल का बताया है। इनकी ओर से कोर्ट में दी गई शिकायत में ये तमाम आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों का जिक्र कविनगर थाने में दर्ज हुई एफआईआर में भी किया गया है। जिसमें बताया गया है कि तत्कालीन पुलिस कमिश्नर से शिकायत करने के बाद भी उनके मामले में कार्रवाई नहीं की गई।

ये हैं आरोपी

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इस मामले में मुख्य आरोपी रवीश त्यागी को बनाया गया है। रवीश का पता प्रेम एंक्लेव निकट कैलाश अस्पताल मेरठ रोड बताया गया है। आरोप है कि रवीश ने ही उनसे 21 लाख रुपये लेकर दूसरे पक्ष को उनसे पहले मकान बेचा है। दर्ज केस में रवीश के साथ मकान खरीदने वालों को भी आरोपी बनाया गया है। इनमें एक महिला भी अहम आरोपी बनाई गई है। अन्य आरोपियों में हरवीर सिंह, उनकी पत्नी और बेटे को आरोपी बनाया गया है। ये लोग भोवापुर मेरठ रोड निवासी बताए गए हैं। 

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