गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।
गाजियाबाद गुरुवार को देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहां एक्यूआई बढ़कर 258 हो गया। पहले नंबर पर बर्नीहाट का एक्यूआई 268 और तीसरे नंबर पर ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 256 दर्ज किया गया। मार्च के बाद अप्रैल में भी प्रदूषण से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। प्रदूषण बढ़ने पर फिर से ग्रैप लागू हो गया, लेकिन प्रदूषण कम नहीं हुआ।
वसुंधरा में कुछ राहत
वसुंधरा को छोड़ दें तो तीनों इलाके प्रदूषण की चपेट में हैं। खासकर लोनी की हवा और भी दमघोंटू हो गई है। यहां का एक्यूआई लगातार दूसरे दिन 400 से अधिक रहा। वहीं, पिछले एक माह से तापमान और प्रदूषण दोनों ही बढ़ रहे हैं। गुरुवार को अधिकतम तापमान तीन डिग्री बढ़कर 37 डिग्री हो गया और न्यूनतम तापमान मामूली वृद्धि के साथ 18.8 डिग्री सेलिस्यस रिकॉर्ड किया गया। यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी विकास मिश्रा ने बताया कि वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयास जारी हैं। ग्रैप के मानकों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं।
ग्रेप लागू करने पर भी असर नहीं
लगातार बढ़ते तापमान, तेज धूप के बाद भी प्रदूषण बढ़ रहा है। बुधवार को ग्रैप का पहला चरण एक बार फिर से लागू हो गया। पाबंदियों को भी लागू कर दिया गया। मगर, इसका असर गाजियाबाद में नहीं दिखा। सुबह के समय वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ था, लेकिन बाद में एक्यूआई फिर खराब श्रेणी में आ गया।
नियमों की खुलकर हो रही अनदेखी
ग्रेप लागू होने की दशा में किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन पर पूरी तरह से पाबंदी रहती है। जबकि कंस्ट्र्क्शन साइट्स और उनके आसापास नियमित रूप से पानी का छिड़काव कराने के निर्देश होते हैं । मगर चाहे वसुंधरा हो या फिर सिद्धार्थ विहार समेत जिले में चल रही तमाम व्यवसायिक योजनाएं कहीं भी ग्रेप के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। इसका ही नतीजा है कि प्रदूषण का स्तर अभी से ही खतरनाक स्तर पर है।