गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।
गाजियाबाद के नवयुग मार्केट क्षेत्र से पैठ बाजार हटने के बाद जहां स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली थी, वही एक नई समस्या साप्ताहिक बाजार के रूप में घंटाघर क्षेत्र में सामने आ रही है,
बता दे सप्ताहिक पैठ बाजार जो रविवार के दिन गंदा नाला क्षेत्र में लगता है, उससे चौपाल मंदिर घंटाघर जस्सीपुरा वह शहर गाजियाबाद में स्थित इकलौते सरकारी अस्पताल की तरफ जाम बढ़ जाता है, बाजार का दायरा अब इतना बढ़ चुका है कि यह बाजार लगाने वाले व्यवसाई जो आसपास के शहरों से जैसे मेरठ, मुजफ्फरनगर, रुड़की, खतौली, सहारनपुर आदि से आते हैं|
घरों के आगे लग रही दुकानें
वह अब अपनी दुकान नई बस्ती स्थित घरों के सामने लगा रहे हैं, जिससे वहां रहने वाले व्यापारी व स्थानीय निवासी काफी रोष में है, स्थानीय निवासियों का आरोप है कि यह अवैध पैठ बाजार नगर निगम या जीडीए या बिना पुलिस प्रशासन की मिली भगत के नहीं लग सकता है|
बनी जाती है तनाव की स्थिति
आलम अब यह हो चुका है कि बाजार में खरीदारी करने आने वाले व्यक्ति अपने दुपहिया वाहन को जब किसी की दुकान या घर के आगे खड़ा कर देते हैं तो गृह स्वामी द्वारा इसका विरोध किया जाता है|
जिससे खरीदार वह ग्रह स्वामी के बीच में झगड़े की स्थिति बन जाती है, स्थानीय निवासियों व व्यापारियों ने कई बार स्थानीय चौकी व थाना घंटाघर को सूचित किया लेकिन समस्या का निदान नहीं मिल पाया है|
एंबुलेंस चालक भी है परेशान
बता दे रविवार वाले दिन लगने वाले इस पैठ बाजार की वजह से हापुड़ मोड से लेकर घंटाघर कोतवाली तक एक लंबा जाम देखा जा सकता है, बाजा़ार के नजदीकी जिला एमएमजी चिकित्सालय भी है जिसमें रविवार के दिन में लगभग 8 से 9 बार एंबुलेंस फसती है|
ई-रिक्शा से भी लगता है जाम
सोने पर सुहागा और भी तब हो जाता है जब इस जाम को और जाम बनाने के लिए चलने वाली ई-रिक्शा अपना भरपूर सहयोग देती हैं, स्थानीय व्यापारियों व स्थानीय निवासियों ने अब इसके लिए अपनी कमर कस ली है और आगामी रविवार को लगने वाले इस पैठ बाजार के विरोध में अपना रोष प्रकट करने की तैयारी कर रहे हैं|
मुख्यमंत्री को लिख रहे हैं पत्र
जानकारी के मुताबिक समाजसेवी व पूर्व पार्षद प्रत्याशी अरुण मित्तल की अगुवाई में स्थानीय निवासी व व्यापारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रशासन, जीडीए, नगर निगम व पुलिस के द्वारा ज्ञापन देने की तैयारी कर रहे हैं।
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
व्यापारियों व निवासियों का आरोप है कि बाजार लगाने वाले पटरी व्यवसाय वहां रहने वाले निवासियों से बदतमीजी करते हैं और लड़ाई झगड़ा करते हैं जो अब हर सप्ताह की आम बात हो चुकी है कई बार व्यापार मंडल के द्वारा थाना पुलिस प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है फिर भी इस अवैध बाजार पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
व्यापार हो रहा है ख़त्म
बता दें कुछ व्यापार मंडल के व्यापारियों का यह तक कहना है कि रविवार के दिन लगने वाले इस अवैध पटरी बाजार की वजह से उनके व्यापार पर असर पड़ रहा है, अब देखना यह होगा कि आने वाले रविवार को व्यापारी व स्थानीय निवासी किस रणनीति के साथ और किस तरह से अपना विरोध दर्ज करने के लिए सामने आएंगे.