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Ghaziabad- नगर निगम के खिलाफ हुआ उत्तरांचल समाज, दी चेतावनी

गाजियाबाद नगर निगम द्वारा निर्मित उत्तरांचल भवन अब विवादों में गिरता जा रहा है रविवार को उत्तराखंड के पूर्व राज्य मंत्री सच्चिदानंद शर्मा के नेतृत्व में सैकड़ो उत्तरांचल समाज के लोगों ने बैठक की।

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Kapil Mehra
Nagar Nigam GZB
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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

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गाजियाबाद। उत्तराखंड समाज ने नगर निगम के प्रति रोष प्रकट करते हुए चेतावनी दी कि सुधर जाओ नहीं तो आंदोलन के लिए तैयार रहो। 

मामला है नंदग्राम में नवनिर्मित उत्तरांचल भवन से जुड़ा।

उत्तरांचल भवन आ रहा है विवादों में

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रविवार को पूर्व राज्य मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता सच्चिदानंद शर्मा पोखरियाल की अध्यक्षता में उत्तराखंड समाज के वरिष्ठ नागरिकों के साथ एक बैठक का आयोजन हुआ जिसमें नंदग्राम में नवनिर्मित उत्तरांचल भवन के संचालन हेतु चर्चा की गई।

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फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

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दिखता है बद्रीनाथ जी जैसा 

पूर्व राज्य मंत्री सच्चिदानंद पोखरियाल ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि नंदग्राम में बद्रीनाथ धाम की तरह डिजाइन किया हुआ उत्तरांचल भवन को पहले नगर निगम ने ठेकेदारों को 15 साल की लीज पर देने का प्रयास किया था जिसका उत्तरांचल समाज के लोगों ने पुरजोर विरोध किया जिसके बाद नगर निगम निविदा कैंसिल कर दी लेकिन नगर निगम ने अब एक और व्यवधान पैदा कर दिया है।

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फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

निगम लगा रहा शुल्क 

अभी हाल ही में नगर आयुक्त ने एक बैठक का आयोजन किया था जिसमें उत्तराखंड एवं पूर्वांचल के कुछ लोगों बैठक में बुलाया और कहा कि एक समिति का गठन करके उत्तरांचल और पूर्वांचल भवन का संचालन किया जायेगा जिसमें समिति की सदस्यता ग्रहण करने के लिए सदस्यता शुल्क लिया जाएगा

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

जिसमें उन्होंने आजीवन सदस्य के लिए 21000/- विशेष सदस्य के 11000/- और सामान्य सदस्य के लिए 5100/- रूपए का शुल्क लिया जाएगा। इसी विषय को लेकर आज शहर में रह रहे उत्तराखंड समाज के लोगों के साथ एक बैठक की गई और समाज के सभी सदस्यों को इस बारे में अवगत कराया गया।

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उत्तरांचल समाज है नाराज़

जिसपर बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने नाराजगी जताई सभी ने एकजुट होकर अपना विरोध दर्ज कराया है। अब हम सभी जल्द ही अपना एक प्रपोजल तैयार करके नगर आयुक्त के समक्ष रखेंगे कि उत्तरांचल भवन हमारे समाज की धरोहर है उसे समाज को सौंप दिया जाये।

अगर वे नहीं माने तो हम नगर निगम के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर होंगे। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी पत्र के माध्यम से व उनसे मुलाकात करके इस मामले से अवगत कराया जायेगा।

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