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वो यूपी पुलिस के एएसआई की बेटी है। ब्याह भी हो रहा था बरेली में डायल 112 पर तैनात एक सिपाही के साथ। मगर, क्या मालूम था कि गोदभराई की रस्म हंसी-खुशी होने के बाद भी शादी के बीच में फॉर्च्यूनर और 25 लाख नगद दहेज बीच में आ जाएगा। बिरादरी और रिश्ते-नातेदारों को भी समझाया। उनके जरिये बेटी के ससुराल वालों से भी गुहार लगाई। मगर, सब बेकार रहा। आखिरकार पुलिस आयुक्त से गुहार लगाने के बाद भी जब कोई रास्ता नहीं निकला, तो होने वाले दामाद सिपाही और बिचोलियों के खिलाफ केस दर्ज कराना पड़ा।
इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट दर्ज कराने वाला परिवार है गाजियाबाद में तैनात रहे एएसआई स्वर्गीय ओमवीर सिंह का। उनकी विधवा पत्नी मिथलेश ने इस मामले में पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र से मिलकर न्याय की गुहार लगाई तब कहीं जाकर प्रकरण की एफआईआर दर्ज हुई है।
मिथलेश की ओर से कविनगर थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बरेली के इज्जतनगर थाने में डायल 112 पर तैनात दीपक पुत्र ओमप्रकाश को नामजद कराया गया है। दीपक मूल रूप से बागपत जिले के थाना बड़ोत अंतर्गत आने वाले गांव खेड़ा हटाना इस्लामपुर का निवासी है। दर्ज एफआईआर में दीपक के अलावा उसके पिता ओमप्रकाश के अलावा संबंधी अजय कुमार और बिचोलिए ऊषा, सुमित निवासी अलवासपुर मुजफ्फरनगर को नामजद किया गया है।
पीड़िता की तरफ से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया गया है कि उनकी बेटी की शादी ऊषा और सुमित के जरिये डायल 112 में बरेली में कांस्टेबल के पद पर तैनात दीपक से तय हुई थी। बीती दो फरवरी को ही गोदभराई और रिंग सेरीमनी की रस्म गाजियाबाद पुलिस लाइन में स्थित उनके आवास के बाहर ही संपन्न हुई थी। उसी दिन तय हुआ था कि शादी 18 अप्रैल को होगी।
पीड़िता के मुताबिक गोदभराइ और रिंग सेरीमनी के दौरान एक लाख नगद सहित कुल साढ़े पांच लाख के जेवरात आदि दिए गए थे। जबकि शादी की तैयारियों के तहत एडवांस देकर मैरिज हॉल बुक कर लिया। हलवाई से लेकर तमाम और तैयारियां भी लगभग पूरी कर लीं।
शादी का वक्त नजदीक आते ही दूल्हा पक्ष ने दहेज में 25 लाख नगद और फॉरच्यूनर गाड़ी की डिमांड रख दी। डायल 112 में तैनात दामाद सिपाही ने कहा कि मांग पूरी नहीं की तो कहीं और शादी कर लेगा। दामाद सिपाही ने ये बात अपनी होने वाली बेटी यानि एसएसआई की बेटी से कही। जब इस बात की जानकारी एएसआई की पत्नी को हुई तो उन्होंने होने वाले दामाद, उसके पिता और बिचौलिए ऊषा-सुमित से बात की।
दोनों बिचोलियो और दीपक के पिता ने भी सिपाही दामाद दीपक की हां में हां मिलाते हुए 25 लाख और फॉर्च्यूनर देने का दवाब डाला। मांग पूरी न करने पर रिश्ता तोड़ने की धमकी दी। महिला का कहना है कि उसने मिलकर उनके हाथ-पैर जोड़े और बदनामी होने की बात कहकर गुहार लगाई। लड़की के परिवार वालों ने समझा-बुझाकर शादी की तारीख 18 अप्रैल से बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दी। लेकिन फिर भी वो नहीं माने और शादी तोड़ने के अलावा कहीं ओर शादी करने की बात कह दी। आरोप है कि उक्त लोगों ने महिला को मामले में किसी तरह की कार्रवाई करने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
इस मामले में पीड़िता ने तीन अप्रैल को ही कविनगर थाने में तहरीर दे दी थी। लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। आखिरकार पुलिस कमिश्नर के हस्तेक्षप के बाद सोमवार रात पुलिस ने केस दर्ज किया है। जिसमें बरेली में डायल 112 पर तैनात सिपाही दीपक, उसके पिता ओमप्रकाश, उसके संबंधी अजय के अलावा बिचोलिये सुमित और ऊषा को नामजद किया गया है। पुलिस जल्द कार्रवाई की बात कह रही है।