गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) की मधुबन बापूधाम योजना के पॉकेट डी स्थित एसटीपी प्लांट में कूड़ा डालने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) कोर्ट ने गाजियाबाद नगर निगम पर 4.57 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही नगर निगम द्वारा कोर्ट को गलत जानकारी देने पर कड़ी नाराजगी जताई है।
ये है मामला
मधुबन बापूधाम वेलफेयर सोसायटी की ओर से साल 2022 से 2024 में कांवड़ यात्रा के बहाने पाकेट डी स्थित एसटीपी में कूड़ा डाला जा रहा था। इसको लेकर सोसायटी के सदस्यों ने कूड़ा डालने का विरोध करते हुए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिलाधिकारी, नगर निगम व जीडीए सहित अन्य उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी।
पहले स्थानीय स्तर पर किया विरोध
सोसायटी के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कूड़ा हटाने को लेकर जब सोसायटी के सदस्यों और क्षेत्र के लोगों ने विरोध शुरू किया तो निगम व प्रशासन के अधिकारियों ने पुलिस बल लगाकर प्रदर्शन को बंद करा दिया। इस पर सात अगस्त 2024 को सोसायटी की ओर से राष्ट्रीय हरित अधिग्रहण (एनजीटी) नई दिल्ली में शिकायत दर्ज कराई गई।
NGT ने मामला गंभीरता से लिया
प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए राज्य और केंद्र की एजेंसियों ने निरीक्षण करते हुए नगर निगम के कार्य को हठधर्मिता, निष्क्रिय कार्य शैली, महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाने और माननीय पीठ को गुमराह करने वाली जानकारी देने, स्थल पर फैली गंदगी, बिखरा कूड़ा, कूड़े में ही पौधों के रोपण पर गाजियाबाद नगर निगम के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की।
तब ठोका गया जुर्माना
पीठ ने माना की निगम ने जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं किया, बल्कि उन्हें भी गुमराह करने की कोशिश की। इसी का दोषी मानते हुए पीठ ने निगम पर चार करोड़ सत्तावन लाख बीस हजार रुपये का जुर्माना लगाया। सोसायटी की ओर से अधिवक्ता अभिनव चौधरी ने अपना पक्ष रखा। पीठ के समक्सुष नवाई के समय अध्यक्ष राजेंद्र कुमार शर्मा, सचिव लीलाधर मिश्रा, राजीव त्यागी व रामेश्वर चौधरी मौजूद रहे।