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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर। रेल विभाग अपने कार्यरत और सेवानिवृत कर्मचारी व उनके परिजनों को इलाज के लिए कई सुविधाओं से लैस 32 बेड का नया अस्पताल बनाने जा रहा है। इसके बनने से अब रेलकर्मियों और उनके परिजनों को दिल्ली के सेंटर अस्पताल और निजी अस्पतालों में धक्के नहीं खाने होंगे। जल्द ही रेलवे स्टेशन रोड पर इस 32 बेड़ के अस्पताल का निर्माण शुरू होगा।
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15 करोड़ की लागत से बन रहा अस्पताल
यह नया अस्पताल बनाने में करीब 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कागजी औपचारिकता पूरी होने के बाद अस्पताल के लिए बिल्डिंग बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अस्पताल में कुछ सुविधाएं अगले दो महीने और सर्जरी, इमरजेंसी जैसी सुविधाएं शुरू होने में डेढ़ साल का समय लगेगा।
50 हजार लोगों को मिलेगी राहत
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जिले में वर्तमान में रेलवे से सेवानिवृत्त और यहां रहने वाले 25 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं। कर्मचारियों के परिजनों को मिलाकर रेलवे स्वास्थ केंद्र से करीब 50 हजार लोगों का उपचार होता है। शहर स्थित स्वास्थ्य केंद्र के अलावा विजयनगर में रेलवे की एक डिस्पेंसरी है, जहां फिलहाल ओपीडी की सुविधा है। डिस्पेंसरी में अधिकांश समय पूरी दवाएं भी नहीं मिल पातीं। रेलवे यूनियनों की ओर से गाजियाबाद में अस्पताल खोलने की मांग की जा रही थी। अब रेलवे अस्पताल मुख्यालय से 32 बेड़ के नए अस्पताल की सौगात मिलने से नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के पदाधिकारियों ने रेलवे की मुख्य चिकित्सा अधिकारी आशा रानी का आभार जताया।
स्टाफ बढ़ेगा, सुविधाएं भी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति का जायजा लेकर कर्मचारी संगठनों से भी विस्तार से वार्ता की और आगे उपचार के लिए बेहतर व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। रेलवे की मुख्य चिकित्सा अधिकारी आशा रानी ने बताया कि अस्पताल की स्वीकृति मिल चुकी है। नई मशीनें खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नया स्टाफ भी यहां भेजा जाएगा। इस पर तेजी से काम चल रहा है। 32 बेड के अस्पताल में 45 लोगों का स्टाफ होगा। इसमें नौ चिकित्सक तैनात होंगे। शुरूआत में पैथोलॉजी जांच, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड जैसी सुविधाएं शुरू होंगी। इसके बाद प्रसव, सभी तरह की जांच और ऑपरेशन की सुविधा शुरू होगी। नए भवन का काम पूरा होने के बाद इमरजेंसी सेवा शुरू हो जाएगी। गंभीर बीमारी को छोड़कर अधिकांश मरीजों को दिल्ली रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।