Advertisment

Good News: गाजियाबाद को एम्स सेटेलाइ सेंटर की सौगात, शासन से हरी झंडी मिली

उप-चुनाव में सीएम योगी ने एम्स के सेटेलाइट सेंटर की घोषणा की थी। शासन ने उसे हरी झंडी दे दी है। वसुंधरा में 10 एकड़ जमीन पर इस योजना को परवान चढ़ाया जाएगा। आवास-विकास की बोर्ड बैठक से इसे मंजूरी मिल गई है।

author-image
Rahul Sharma
gzb aiims
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

गाजियाबाद, वाईबीएन संवादादाता।

Advertisment

दिल्ली एम्स का सेटेलाइट सेंटर गाजियाबाद में बनाने की योजना को शासन से हरी झंडी मिल गई गई है। वसुंधरा के सेक्टर सात में यह आवास विकास परिषद की दस एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। इस जमीन की कीमत 487 करोड़ रुपये है। जमीन देने के लिए परिषद राजी हो गया है। परिषद की बोर्ड बैठक में जमीन देने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।

सेक्टर सात की जमीन पर होगा निर्माण

परिषद के आयुक्त डाॅ. बलकार सिंह ने बताया कि एम्स के सेंटर के लिए जमीन देने का प्रस्ताव आया था। जनहित में इसे मंजूरी दे दी गई है। जब भी निर्माण शुरू होगा, जमीन मुहैया करा दी जाएगी। वसुंधरा के सेक्टर सात और आठ में परिषद की 80 एकड़ जमीन खाली पड़ी है। इसमें से सेक्टर सात की जमीन दी जाएगी।

Advertisment

सीएम ने किया था ऐलान

एम्स का सेटेलाइट सेंटर खोले जाने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों हुए गाजियाबाद विधानसभा सीट के उप-चुनाव के दौरान एक चुनावी सभा में की थी। इस घोषणा के बाद ही सेंटर के लिए जमीन की तलाश की जा रही थी।

3 जगह हुई तलाश, वसुंधरा हुआ फाइनल

Advertisment

शहर में कई जगह जमीन देखी गई। इनमें गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र में सिद्धार्थ विहार, साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में सिद्धार्थ विहार और लोनी विधानसभा क्षेत्र की मंडोला में स्थित आवास-विकास की जमीन पर भी विचार किया गया। आखिर में वसुंधरा की जमीन को फाइनल किया गया है।

अब केंद्र के पाले में है गेंद

अब इंतजार केंद्र सरकार की ओर से सेंटर खोले जाने की दिशा में कदम उठाए जाने का है। सीएम योगी कह चुके हैं कि फाइल केंद्र के पास जा चुकी है। इसके बाद एम्स की टीम गाजियाबाद का दौरा भी कर चुकी है। टीम के सर्वे के बाद ही वसुंधरा की जमीन का प्रस्ताव तैयार किया गया था।

Advertisment

पड़ोसियों को मिलेगा लाभ

एम्स का सेटेलाइट सेंटर खुल जाने से सिर्फ गाजियाबाद ही नहीं, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर समेत पश्चिमी यूपी के कई शहरों को लाभ मिलेगा। दिल्ली एम्स में मरीजों की संख्या ज्यादा होने की वजह से परेशानी आती है। वसुंधरा में सेंटर खुल जाने से मरीज यहीं पर उपचार ले सकेंगे।

नहीं भागना पड़ेगा दिल्ली

गाजियाबाद के सरकारी अस्पतालों की स्थिति यह है कि जैसे ही कोई गंभीर हालत का मरीज आता है, वैसे ही उसे प्राथमिक उपचार देकर दिल्ली के लिए रेफर कर दिया जाता है। दिल और सांस के विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी की वजह से भी ऐसा किया जा रहा है। एम्स का सेंटर खुल जाने से शहर में ही लोगों को उपचार मिल सकेगा। मरीजों को दिल्ली नहीं जाना होगा।

Advertisment
Advertisment