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गाजियाबाद शिक्षा विभाग
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
शिक्षा एक ऐसा माध्यम है, जो मानव को सबल और समाज को सशक्त करता है। शिक्षा ही एक ऐसी खुशियों की चाबी है, जिसने समाज को संगठित करने के साथ-साथ सदैव मानव का मार्गदर्शन करने का काम किया है। समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए जरुरी है कि हम शिक्षा के महत्व को जानें और शिक्षित समाज के संकल्प में अपना योगदान दें। बच्चों के जीवन में शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें ज्ञान,कौशल और बेहतर भविष्य के लिए तैयार करती है, जिससे वे समाज में सफल और जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
ट्रस्ट ने उठाया बीड़ा
इन्ही सब बातों का ध्यान रखते हुए अल्प आय वर्ग के छात्रों के लिए एसबीएन पब्लिक स्कूल पुष्पराज एक आशा ट्रस्ट सुनहरा अवसर लेकर आया है। अब ऐसे छात्रा सीबीएसई बोर्ड के अंतर्गत भी अपनी पढ़ाई को पूरा कर सकते है। एसबीएन पब्लिक स्कूल डायरेक्टर इंजीनियर तरूण रावत ने शिक्षा से कोई भी बच्चा वंछित न रहे इस पर काम किया है। उन्होंने सीबीएसई बोर्ड के अंतर्गत भारी भरकम छूट मासिक फीस में उन छात्रों को दी है जो गरीबी रेखा में जीवन यापन करने में मजबूर है और पढाई के सामने पैसों की किल्लत उनके लिए मजबूरी बन जाती है और वह बच्चे अच्छी शिक्षा से वांछित रह जाते है।
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सबसे सस्ती शिक्षा उपलब्ध
तरूण रावत ने बताया कि एसबीएन पब्लिक स्कूल पुष्पराज एक आशा ट्रस्ट के तहत अल्प आय वर्ग के छात्रों को सीबीएसई बोर्ड की मासिक फीस में भारी भरकम छूट दी जा रही है जिससे बच्चे अपनी शिक्षा पूर्ण कर सकें और अपना अच्छा भविष्य बना सके। तरूण रावत ने बताया कि उनके स्कूल में नर्सरी,एलकेजी और यूकेजी के लिए 500 रुपए प्रतिमाह, प्रथम और दूसरी कक्षा के लिए मात्र 600 रुपए प्रतिमाह, 3-4-5वीं कक्षा के लिए 700 रुपए मासिक फीस, 6-7-8वी के छात्रों के लिए 800 रुपए, 9वीं में 1000 रुपए और 11वीं कक्षा के लिए मात्र 1200 रुपए मासिक फीस रखी है।
गरीब बच्चों का पढ़ना जरूरी
उन्होंने बताया कि आज भी हमारे देश का एक बड़ा तबका गरीबी से जूझ रहा है,जिसे देखते हुए हमने फैसला लिया है कि ऐसे बच्चों को पढाई से वांछित न होने पड़े उसके लिए हम बहुत कम शुल्क में शिक्षा ग्रहण करा रहे है, उनका दावा है कि सीबीएसई बोर्ड में इससे कम फीस ही शायद किसी स्कूल की होगी। उन्होंने आह्वान किया है कि इसका लाभ लेकर बच्चे अपना भविष्य सवारने के साथ-साथ देश हित में काम करें।
करनी और कथनी
हालांकि इस मामले में यह भी कहा जा सकता है कि करनी और कथनी में बहुत फर्क होता है अगर इस तरह से सस्ती शिक्षा प्राइवेट स्कूल माहिया करने लगे तो निश्चित रूप से शिक्षा का बहुत व्यापक स्तर पर नेटवर्क बन जाएगा जो गरीब बच्चों तक पहुंच सकेगा लेकिन ऐसा होना तब तक संभव नहीं दिखाई देता जब तक मजबूत इच्छा शक्ति के साथ स्कूल के मालिकों एवं संचालकों में शिक्षा का व्यापार वाला दृष्टिकोण ना बदल जाए।