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मधुबन बापूधाम योजना
गजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
मधुबन बापू धाम योजना के प्रभावित किसानों को कुल जमीन के छह एवं बीस प्रतिशत विकसित भूखंड दिए जाने का आखिरकार रास्ता साफ हो गया। इसके साथ साथ मधुबन बापू धाम योजना के ई पाकेट में शमशान घाट के आस-पास कभी आवंटित किए गए भूखंड भी जीडीए अन्यत्र शिफट करेगा। एक तरह से देखा जाए तो मधुबनबापू धाम योजना से प्रभावित किसानों की अब लाटरी लगने वाली है।
647 किसानो से है विवाद
जीडीए अधिकारियों की एक बैठक में अवगत कराया गया कि प्राधिकरण द्वारा करार के माध्यम से हासिल की गई 800 एकड जमीन से प्रभावित किसानों को छह प्रतिशत जमीन दिए जाने एवं बदले में 3350 रूपए प्रतिवर्ग मीटर की दर से धनराशि लिए जाने का प्राधिकरण ने निर्णय लिया गया था। जीडीए के द्वारा साल 2010 के दौरान प्रकाशन कराया गया था। इस बीच 762 किसानों के द्वारा आवेदन किए गए थे। इस बीच लाटरी के माध्यम से 115 कृषकों को भूखंड दिए गए थे। शेष 647 भूखंड आरक्षित किए गए थे। इस प्रकार 647 किसानों को भूमि विवाद एवं गतिरोध के चलते भूखंड आवंटित नहीं किए जा सकें।
उच्चतम न्यायालय का आदेश
प्राधिकरण को भूमि अर्जन पुर्नवासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के अंतर्गत उच्चत्तम न्यायालय दायर याचिका में पारित आदेश के क्रम में 281 एकड जमीन से प्रभावित 331 किसानों को भी आवासीय भूखंड आवंटित किया जाना है। इसके साथ साथ ये भी अवगत कराया गया कि मधुबन बापू धाम योजना के ई पाकेट में शमशानघाट के आसपास सृजित 160 भूखंड अन्यत्र शिफट किए जाने है।
राजस्व की कठिनाई
पूर्व में शमशान घाट को अन्यत्र शिफट करने का तय किया गया था,लेकिन राजस्व संबंधी कठिनाईयों के चलते शमशान घाट अन्यत्र शिफट नहीं हो पाए। जिन 160 आवंटियों के भूखंड अन्यत्र शिफट किए जाने है,उनमें से 22 भूखंड ऐसे है,जिन पर रजिस्ट्री की कार्रवाई हो चुकी है। इस तरह से देखा जाए तो मधुबन बापू धाम योजना से जुडे तीन प्रस्तावों को हरी झंडी मिल गई है। प्रस्ताव के माध्यम से ये भी स्पष्ट किया गया कि यह आवश्यक हो गया है कि एकल आवासीय भूखंडों का सृजन और अधिक संख्या में किया जाए तथा बाजार मांग के अनुरूप भूउपयोगों को तलपट मानचित्र में संशोधन के उपरांत स्वीकृत किया जाए।