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Good News: महिला खिलाड़ियों को मिलेगी अलग एकेडमी, निखरेगा हुनर

महिला खिलाड़ियों को अलग से बेहतर प्रशिक्षण और सुविधाएं देने के उद्देश्य से शहर की पहली महिला खेल एकेडमी महामाया स्टेडियम में अगले माह से शुरू होगी। इसके लिए स्टेडियम में अलग........

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Syed Ali Mehndi
महिला खिलाड़ी

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

महिला खिलाड़ियों को अलग से बेहतर प्रशिक्षण और सुविधाएं देने के उद्देश्य से शहर की पहली महिला खेल एकेडमी महामाया स्टेडियम में अगले माह से शुरू होगी। इसके लिए स्टेडियम में अलग से अभ्यास के लिए समय निर्धारित किया जाएगा। महिला खेल एकेडमी होने से महिला खिलाड़ियों को प्रोत्साहन तो मिलेगा ही, साथ ही खेलों में अधिक से अधिक भागीदारी भी बढ़ेगी। वे यहां सजगता से खेल का अभ्यास कर सकेंगी। वर्तमान में शहर में महिला खिलाड़ियों के लिए अलग से महिला खेल एकेडमी नहीं है। इससे शहर की कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी अभ्यास करने के लिए दिल्ली जाती हैं।

महिला खेल अकादमी
महिला खेल अकादमी

महिला अकादमी का अभाव

लड़कियों के अभिभावक सुरक्षा कारणों की वजह से भी उन्हें शहर से बाहर अभ्यास करने के लिए नहीं भेजते। शहर की कई महिला खिलाड़ियों ने प्रदेश स्तर से लेकर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पटल पर पदक जीतकर जिले का मान बढ़ाया है। इसके बाद भी विभिन्न खेलों के लिए महिला खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए एकेडमी का अभाव है। महामाया स्टेडियम में महिला खेल एकेडमी की शुरूआत होने से खिलाड़ियों को काफी फायदा होगा।

महिला कोच के साथ सहज 

जिला उप खेल क्रीड़ाधिकारी पूनम बिश्नोई ने बताया कि महिला खिलाड़ियों को केवल महिला कोच ही प्रशिक्षण देंगी। इनमें क्रिकेट,जूडो, नेटबॉल, कुश्ती, लिफ्टिंग आदि खेल शामिल हैं। प्रशिक्षण के दौरान खिलाड़ियों को आवश्यक खेल उपकरण समेत सभी आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएगी। ताकि खिलाड़ी बेहतर अभ्यास कर भविष्य में जिले का नाम रोशन कर कर सके।

ग्रामीण प्रतिभाओं को लाभ 

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महिला कोच की निगरानी में अभ्यास करने से महिला खिलाड़ियों को काफी राहत भी मिलेगी। खिलाड़ी अपनी खेल संबंधी समस्या या अन्य परेशानी को महिला कोच से आसानी से साझा कर सकेंगी। वे यहां अधिक सहज महसूस करेंगी। पुरुष कोच होने से महिला खिलाड़ी कई बार अपनी परेशानी को उन्हें नहीं बता पाती। जिससे उनके खेल पर असर पड़ता है।

 गुणवत्ता में सुधार

महिला कोच की निगरानी में प्रशिक्षण महिला खेल एकेडमी होने से शहर की लड़कियों को तो लाभ होगा ही, साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियों को भी इसका काफी फायदा होगा, जो किसी खेल में अपना भविष्य बनाना चाहती है। ऐसे में वे यहां आकर कुशल कोच की निगरानी में खेल का बेहतर अभ्यास कर सकेंगी। कई बार लड़कियों के अभिभावक सुरक्षा कारणों की वजह से अपनी बेटियों को शहर से बाहर अभ्यास के लिए भेजने के इच्छुक नहीं होते हैं।

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