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Government hospital
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
डूंडाहेड़ा सरकारी अस्पताल
सरकारी अस्पताल में ओपीडी शुरू कर दी गई है जहां 12 केबिन में अलग-अलग चिकित्सा विशेषज्ञ बैठते हैं लेकिन वही इमरजेंसी में स्टाफ ही नहीं है जिसके चलते किसी भी इमरजेंसी केस को निपटने के लिए ओपीडी में मौजूद डॉक्टर को अपनी सीट छोड़कर तुरंत इमरजेंसी पहुंचना पड़ता है। जबकि अस्पताल में 60% काम अभी अधूरा है जिसका निर्माण कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है।अस्पताल में स्टाफ की कमी प्रमुखता से नजर आ रही है जहां इतने बड़े अस्पताल को स्वच्छ रखने के लिए सिर्फ दो सफाई कर्मचारी हैं जबकि अस्पताल की सुरक्षा के लिए एक भी चौकीदार नहीं है सफाई कर्मचारी ही रात में चौकीदार की भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा पावर सप्लाई भी अस्पताल में एक प्रमुख समस्या है यहां बैकअप जनरेटर नहीं है और इनवर्टर से इलाज के दौरान पावर सप्लाई के द्वारा चलने वाली मशीन नहीं चलाई जा सकती ऐसे में अगर लाइट चली जाती है तो कई हेवी मशीन है रुक जाती हैं।
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एमएमजी अस्पताल
एमएमजी अस्पताल में एक दिन में करीब हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं. हालांकि इनमें से कई लोगों को बिना इलाज के ही घर लौटना पड़ता है, क्योंकि अस्पताल में सुविधाओं का अभाव है. यही नहीं, आपातकालीन नंबर और अस्पताल कार्यलय का नंबर भी बंद है. मरीजों का आरोप है कि अपने रूम में से अक्सर सीएमएस गायब रहते हैं. ऐसे में मरीजों के पर्चे पर अगर जरूरी हस्ताक्षर होने हों तो वो काम रह जाते हैं। सीएमएस के कमरे के दो नंबर दिए गए हैं. पहला है कार्यलय ( 0120-4100168) और दूसरा इमरजेंसी विभाग (0120-4158168) . दुर्भाग्य है कि इनमें से किसी भी नंबर पर रिस्पांस नहीं मिलता. आपातकालीन विभाग के नंबर पर भी कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन हाथ सिर्फ निराशा लगी.एमएमजी अस्पताल में मरीजों की भीड़ देखते हुए टोकन सिस्टम की व्यवस्था शुरू की गई थी, लेकिन वो भी फेल हो गई. ये व्यवस्था इसलिए शुरू की गई थी, ताकि ओपीडी के लिए पर्चे तेजी से बनें और मरीज को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़े. हालांकि अब भी मरीज लंबी लाइन लगाकर अपना पर्चा बनने का इंतजार कर रहे हैं।
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जिला संयुक्त चिकित्सालय
संयुक्त अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन खराब होने से जांच कराने पहुंचे मरीजों को काफी देर इंतजार करना पड़ा लेकिन शाम तक मशीन सही नहीं हो सकी। इंजीनियर देर शाम तक मशीन सही करने में लगे थे। चार महीने में मशीन तीसरी बार खराब हुई है। अधिकारियों का कहना है कि मंगलवार को मशीन ठीक होने पर जांच शुरू हो जाएगी। सोमवार को संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल में मरीजों की जांच शुरू हुई थी। दो मरीजों की जांच हो पाई थी लेकिन तीसरे मरीज की जांच के दौरान रिपोर्ट में गलत (एरर) आने लगा। काफी प्रयास के बाद भी जांच नहीं हो सकी। इसके बाद तकनीकी खराबी के साथ ही जांच बंद हो गई। सोमवार को 20 मरीज सीटी स्कैन करवाने पहुंचे थे लेकिन जांच बंद होने से 10 मरीज वापस लौट गए थे जबकि दस मरीज इंतजार कर रहे थे।
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