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Govt Action: निगम क्षेत्र में ट्रेड शुल्क के दायरे वाले प्रतिष्ठानों पर बड़े एक्शन की तैयारी, जारी होगी आरसी

गाजियाबाद नगर निगम नोटिस के बावजूद ट्रेड लाइसेंस फीस जमा नहीं कराने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है। पता चला है कि ऐसे करीब ढाई हजार प्रतिष्ठानों को आरसी जारी करने की तैयारी है।

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Rahul Sharma
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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

टैक्स वसूली के टारगेट को पूरा कर पाने में नाकाम रहे गाजियाबाद नगर निगम को शहर के प्रतिष्ठान संचालन गंभीरता से लेते ही नहीं हैं। यही वजह है कि निगम के नोटिस भेजने के बावजूद  शहर में ढाई हजार प्रतिष्ठान ट्रेड लाइसेंस शुल्क जमा किए बिना चल रहे हैं। निगम के नोटिस को इन लोगों ने रद्दी की टोकरी में पहुंचा दिया और शुल्क जमा नहीं किया। हालाकि दावा किया जा रहा है ककि अब निगम प्रशासन अब इन पर बड़ी कार्रवाई करेगा। लेकिन उससे पहले सभी को आरसी जारी की जाएगी।

ये आते हैं ट्रेड लाइसेंस के दायरे में

निगम की पॉलिसी के तहत 39 तरह के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को ट्रेड लाइसेंस के दायरे में लिया गया था। जिन्हें निगम की ओर से एक साल के लिए लाइसेंस जारी किया जाता है। इनमें तीन सितारा होटल, नगर निगम अस्पताल, क्लीनिक, चाय की दुकान, सैलून, ब्यूटी पार्लर, पांच सितारा होटल, शराब की दुकान, मांस की दुकान आदि 39 तरह के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को ट्रेड लाइसेंस जारी करता है।

35 हजार को भेजा था नोटिस

निगम के टैक्स विभाग ने इनकी फीस निर्धारित कर रखी है। लोग निगम से लाइसेंस लेने के बाद ही कारोबार कर सकते हैं। लाइसेंस का हर साल नवीनीकरण कराना जरूरी है। निगम सूत्रों ने बताया कि अब तक 35 हजार ट्रेड लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं। इनमें से लगभग ढाई हजार ने लाइसेंस शुल्क जमा नहीं किया। इस कारण इनका नवीनीकरण नहीं हो सका। इनमें होटल, रेस्टोरेंट, अस्पताल, क्लीनिक और कोचिंग सेंटर शामिल हैं।

शुल्क जमा नहीं करने वालों की लिस्ट मांगी

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी संजीव सिन्हा ने बताया कि ट्रेड लाइसेंस बनवाना और हर साल नवीनीकरण कराना जरूरी है। इसके बाद ही कारोबार किया जा सकता है। उन्होंने बताया लाइसेंस शुल्क जमा नहीं करने वाले ढाई हजार प्रतिष्ठानों की रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी कराई जाएगी। पांचों जोन से इनकी सूची मांगी है। निगम शहर में चालू वित्त वर्ष में नए प्रतिष्ठान चिह्नित करा रहा है। इसके लिए पांचों जोन में निगम की टीम कार्य कर रही है। इन प्रतिष्ठानों को ट्रेड लाइसेंस बनवाने के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। डेढ़ हजार नए प्रतिष्ठान चिह्नित कर लिए हैं।

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GG शहर में हर प्रतिष्ठान के लिए ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य है। ढाई हजार प्रतिष्ठान ट्रेड लाइसेंस शुल्क जमा किंए बिना चल रहे हैं। इन्हें प्रशासन के माध्यम से आरसी जारी होगी।

किस प्रतिष्ठान पर कितना शुल्क

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा ने बताया कि जो शुल्क फीस तय की गई है उसके मुताबिक पांच सितारा होटल 9000 रुपये से 12000 रुपये तक, नर्सिंग होम 20 बेड तक 2000 रुपये, नर्सिंग होम 20 बेड से अधिक 5000 रुपये, होटल, लॉजिग और बारात घर 1000 रुपये, मिनी बस 1500 रुपये, बस 2500 रुपये, प्रसूति गृह 20 बेड तक 4000 रुपये, प्रसूति गृह 20 बेड से अधिक 5000 रुपये, पैथोलॉजी सेंटर- 5000 रुपये, प्राइवेट अस्पताल 11000 रुपये, एक्सरे क्लीनिक 2000 रुपये, डेंटल क्लीनिक 4000 रुपये, प्राइवेट क्लीनिक 3000 रुपये, दूध उत्पाद की दुकान व फूड स्टॉल 500 रुपये, शराब दुकान 6000 रुपये, विदेशी शराब दुकान 12000 रुपये, मीट की दुकान 300 से 600 रुपये, फाइनेंस कंपनी 6000 रुपये, इश्योरेंस कंपनी 12000 रुपये, बार 6000 रुपये, आइस फैक्ट्री 100 रुपये से 5000 रुपये तक है।

शिविर लगाए, काम न आए

निगम का इस समय आय बढ़ाने पर पूरा ध्यान है। पिछले वित्त वर्ष में गृहकर जमा नहीं करने वाले बड़े बकायेदारों के प्रतिष्ठान सील किए गए। नई संपत्ति की पहचान कर गृहकर निर्धारण किया जा रहा है। निगम की तरफ से लोगों से अपील की जा रही है वह खुद संपत्ति पर कर निर्धारण कराएं। हाउस टैक्स वसूली के लिए अवकाश के दिनों में शिविर लगाए गए।

रजिस्टर्ड बिल्डर भी दायरे में

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नगर निगम ने शहर में चल रही रजिस्टर्ड बिल्डरों या प्रापर्टी डीलरों को भी इस लाइसेंस शुल्क के दायरे में लिया है जबकि ई-रिक्शा के लिए भी ट्रेड लाइसेस अनिवार्य है। शहर में करीब साढ़े आठ हजार ई- रिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों ने इसके लिए निगम से ट्रेड लाइसेंस नहीं लिया। अब निगम इनसे भी वसूली करने की योजना बना रहा है।

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