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Great job: घायल मोर की जान बचाने वाले युवक ने पेश की मिसाल

कहते हैं कि इंसानियत सिर्फ इंसानों की मदद तक सीमित नहीं होती, बल्कि जब कोई जीव संकट में हो और कोई उसकी निस्वार्थ सहायता करे, तभी सच्चे मानवता के मायने सिद्ध होते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण सामने आया है गाजियाबाद के कमल नेहरू नगर से, जहां एक युवक ने घायल

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Syed Ali Mehndi
प्रथम चौधरी

प्रथम चौधरी और घायल मोर

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गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता 

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कहते हैं कि इंसानियत सिर्फ इंसानों की मदद तक सीमित नहीं होती, बल्कि जब कोई जीव संकट में हो और कोई उसकी निस्वार्थ सहायता करे, तभी सच्चे मानवता के मायने सिद्ध होते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण सामने आया है गाजियाबाद के कमल नेहरू नगर से, जहां एक युवक ने घायल मोर की मदद कर एक प्रशंसनीय कार्य किया।

कुत्तों ने किया हमला

मामला गुरुवार रात करीब 8:30 बजे का है। कमलनेहरू नगर रोड पर कुछ आवारा कुत्तों ने एक मोर पर हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, 2 से 3 कुत्तों ने मिलकर मोर के पंख नोच डाले, जिससे वह उड़ने में असमर्थ हो गया। इस दौरान इलाके के निवासी प्रथम चौधरी वहां से गुजर रहे थे। उन्होंने देखा कि एक घायल मोर सड़क किनारे तड़प रहा है। यही नहीं, पास में ही एक नन्हा मोर का बच्चा भी था जो भयभीत और असहाय स्थिति में बैठा था।

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शाबाश प्रथम चौधरी 

प्रथम चौधरी ने बिना देर किए तुरंत वन विभाग को सूचना दी। विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन रात का समय और घायल पक्षी की स्थिति को देखते हुए उन्होंने मोर और उसके बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी प्रथम चौधरी को सौंपी। युवक ने भी पूरी जिम्मेदारी के साथ न सिर्फ उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, बल्कि रातभर उनकी देखरेख की।प्रथम ने बताया कि मोर की हालत बेहद नाजुक थी, लेकिन वह जीवित था और बच्चे को देखकर बार-बार अपनी आंखें खोलने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने दोनों को आरामदायक वातावरण में रखा, उन्हें पानी दिया और अगले दिन वन विभाग के पुनः संपर्क में आकर उन्हें चिकित्सा के लिए भिजवाया।

सब कर रहे हैं प्रशंसा

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इस घटना ने न केवल क्षेत्रवासियों का ध्यान खींचा, बल्कि सोशल मीडिया पर भी प्रथम की सराहना की जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों ने भी युवक की सजगता और पशुप्रेम की सराहना की।गाजियाबाद जैसे शहरी इलाकों में वन्यजीवों का इंसानों से संपर्क बढ़ना आम होता जा रहा है, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं यह सिद्ध करती हैं कि अभी भी समाज में ऐसे लोग हैं जो निःस्वार्थ भाव से प्रकृति और जीवों के लिए समर्पित हैं। प्रथम चौधरी का यह कार्य वास्तव में प्रेरणादायक है और सभी के लिए एक उदाहरण बन गया है।

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