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Great work : जनरल का विकास रथ,मिज़ोरम को पहली बार मिली रेल कनेक्टिविटी

गाजियाबाद से मिज़ोरम तक विकास की जो बयार जनरल वीके सिंह ने बहाई, उसका एक और स्वर्णिम अध्याय इतिहास में दर्ज होने जा रहा है। एक सैनिक, एक सांसद, एक केंद्रीय मंत्री और अब एक राज्यपाल के रूप में जनरल वीके सिंह का प्रशासनिक कौशल हर मोर्चे पर अपनी छाप

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Syed Ali Mehndi
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आइजॉल्स से जुड़ेगा रेल संपर्क

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गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता 

गाजियाबाद से मिज़ोरम तक विकास की जो बयार जनरल वीके सिंह ने बहाई, उसका एक और स्वर्णिम अध्याय इतिहास में दर्ज होने जा रहा है। एक सैनिक, एक सांसद, एक केंद्रीय मंत्री और अब एक राज्यपाल के रूप में जनरल वीके सिंह का प्रशासनिक कौशल हर मोर्चे पर अपनी छाप छोड़ रहा है। मिज़ोरम में उनके राज्यपाल बनने के बाद विकास की रफ्तार को नई दिशा मिली है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण है – आइज़ोल का भारतीय रेलवे नेटवर्क से पहली बार जुड़ना।

आइज़ोल को मिला रेल संपर्क

पूर्वोत्तर भारत में मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल अब तक देश की अन्य राजधानियों से रेलवे के माध्यम से नहीं जुड़ पाई थी। लेकिन आज़ादी के 77 वर्षों बाद यह ऐतिहासिक क्षण आया है जब आइज़ोल रेलवे से जुड़ने जा रही है। यह कनेक्टिविटी बैराबी–सैरांग रेल परियोजना के ज़रिए साकार हो रही है जिसकी लंबाई 51.38 किलोमीटर है।रेल मंत्रालय द्वारा यह मार्ग जून 2025 में रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) द्वारा परिचालन के लिए सुरक्षित घोषित किया गया और ट्रायल रन भी सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए हैं। यह केवल मिज़ोरम के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है।

इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना

इस परियोजना की चुनौतियाँ और तकनीकी विशेषताएं इसे एक अद्वितीय उपलब्धि बनाती हैं:

48 सुरंगें (टनल)

55 बड़े पुल और 87 छोटे पुल

एक अद्वितीय संरचना – ब्रिज नंबर 196, जिसकी ऊंचाई 104 मीटर है, जो कुतुब मीनार से भी 42 मीटर ऊंचा है।

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यह संपूर्ण रेलवे ट्रैक अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित है और इसकी डिज़ाइन 90 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनों के संचालन को सक्षम बनाती है।

विकास के नए द्वार

इस ऐतिहासिक रेल परियोजना के पूर्ण होते ही मिज़ोरम का देश के बाकी हिस्सों से सीधा संपर्क स्थापित हो जाएगा। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि व्यापार, कृषि और स्थानीय कारीगरों के उत्पादों के लिए नए बाजार भी खुलेंगे। रोज़मर्रा की आवाजाही सुगम होगी और आम जनजीवन में उल्लेखनीय सुधार आएगा।

जनरल : दूरदर्शी नेतृत्व की मिसाल

गाजियाबाद में केंद्रीय मंत्री रहते हुए जनरल वीके सिंह ने जिस तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर, हवाई सेवाओं, और रक्षा से जुड़े विकास कार्यों को गति दी, वही सोच अब मिज़ोरम में भी दिखाई दे रही है। राज्यपाल के रूप में उन्होंने न केवल सांविधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन किया, बल्कि विकास को गति देने वाली योजनाओं में भी नेतृत्व किया। आइज़ोल का भारतीय रेलवे से जुड़ना न केवल मिज़ोरम के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उपलब्धि है। यह साबित करता है कि जब नेतृत्व में निष्ठा, दूरदर्शिता और कार्यकुशलता हो, तो पहाड़ भी रास्ता दे देते हैं। जनरल वीके सिंह का यह योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए मिज़ोरम की विकास यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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