गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों के लिए सामाजिक सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक बनकर उभरी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस योजना को न केवल वित्तीय रूप से सशक्त किया गया है, बल्कि इसमें पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित की जा रही है। 2025-26 में सरकार ने एक लाख से अधिक जोड़ों के सामूहिक विवाह का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिन पर प्रति जोड़ा एक लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी। इस संबंध में जिला प्रशासन में सूचना जारी की है।
गरीब लड़कियों का आसरा
इस योजना का उद्देश्य केवल विवाह कराना नहीं, बल्कि जरूरतमंदों को सशक्त बनाना और उनके सामाजिक सम्मान को बढ़ावा देना है। इसके लिए योजना की निगरानी व्यवस्था को भी तकनीकी रूप से मजबूत किया जा रहा है। आवेदन प्रक्रिया, सामग्री की गुणवत्ता और वितरण को अब पूरी तरह डिजिटल योगी सरकार का बड़ा फैसलानिगरानी में रखा गया है। इसके साथ ही फर्मों का चयन भी जिला स्तर की बजाय निदेशालय स्तर से होगा, जिससे भ्रष्टाचार और पक्षपात की संभावना को समाप्त किया जा सके। समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में आब्जर्वर तैनात किए जाएंगे, जो दूसरे जिले में जाकर कार्यक्रमों की निगरानी करेंगे। विवाह स्थल पर वर और वधू दोनों की बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की गई है ताकि किसी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके। आधार सत्यापन में लापरवाही पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
सामाजिक समरसता
इसके अलावा पात्र लाभार्थियों की पहचान के लिए स्थानीय निकाय, ग्राम पंचायतों और आंगनबाड़ी केंद्रों की सहायता से अभियान चलाया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग के उपनिदेशक आर.पी. सिंह के अनुसार, यह योजना केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, सामुदायिक भावना और महिलाओं के सम्मान को बढ़ाने की दिशा में एक प्रेरक पहल है।इस योजना के माध्यम से योगी सरकार ने साबित किया है कि यदि इच्छाशक्ति हो और नीति में पारदर्शिता लाई जाए, तो सरकार गरीबों की असली हितैषी बन सकती है।