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आरोग्य मेला
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री आरोग्य मेला के अंतर्गत इस बार भी लोगों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। जनपद के विभिन्न सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित इस आरोग्य मेले में कुल 4206 मरीज़ों ने चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठाया। गर्मी के इस मौसम में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं और इसका प्रभाव आम लोगों के स्वास्थ्य पर साफ दिखाई दे रहा है।
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उल्टी दस्त के अधिक मामले
मेले में पहुंचे अधिकांश मरीजों को बुखार, सिरदर्द, उल्टी-दस्त (लूज मोशन), चक्कर आना, थकावट और डीहाइड्रेशन जैसी समस्याओं से जूझते पाया गया। इन सभी को आवश्यक जांचों के बाद निःशुल्क दवाएं वितरित की गईं। कई मरीजों को प्राथमिक उपचार के साथ-साथ आगे की चिकित्सीय सलाह भी दी गई।
सरकारी डॉक्टर मुस्तैद
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर सरकारी डॉक्टरों ने पूरी मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने स्वयं व्यवस्थाओं की निगरानी की और यह सुनिश्चित किया कि किसी मरीज को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ती गर्मी के कारण मौसमी बीमारियों में इजाफा हो रहा है और लोगों को खास सतर्कता बरतनी चाहिए।
धूप से बचाव जरूरी
डॉ. मोहन ने जनता को चेताया कि दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक का समय विशेष रूप से गर्म और खतरनाक होता है। इस दौरान बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचना चाहिए। अगर बाहर निकलना जरूरी हो तो सिर को कपड़े से ढककर निकलें, छाता या टोपी का प्रयोग करें। उन्होंने आगे बताया कि गर्मी में शरीर से पानी की कमी तेजी से होती है, इसलिए लोगों को दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीने की सलाह दी गई है। इसके अलावा ओआरएस, नींबू पानी, छाछ और अन्य तरल पदार्थों का सेवन भी करना चाहिए।
संतुलित हल्का भोजन करें
भोजन के संबंध में डॉ. मोहन ने लोगों से आग्रह किया कि भूखे पेट बाहर न निकलें, और घर का बना हल्का, ताजा और सुपाच्य भोजन ही करें। बाहर का बासी और तला-भुना खाना, विशेषकर बच्चों को न दिया जाए। गर्मी के मौसम में हल्के, सूती और ढीले कपड़े पहनने की भी सलाह दी गई ताकि शरीर को पर्याप्त हवा मिल सके और पसीने की समस्या से राहत मिले।मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने यह भी कहा कि यदि किसी व्यक्ति को थकावट, चक्कर आना, तेज बुखार या दस्त जैसी समस्याएं महसूस हों तो स्वयं इलाज न करें, बल्कि तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर डॉक्टर से संपर्क करें। समय रहते इलाज कराने से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
गरीबों के लिए लाभकारी योजना
मुख्यमंत्री आरोग्य मेला योजना का उद्देश्य है कि गांव और शहर के प्रत्येक नागरिक को निःशुल्क और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएं। इस योजना के अंतर्गत चिकित्सा जांच, दवा वितरण और स्वास्थ्य परामर्श सभी कुछ एक ही स्थान पर उपलब्ध कराया जाता है। यह मेला न केवल बीमारों को राहत देता है बल्कि लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी फैलाता है। सरकार की यह पहल ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उन्हें समय पर इलाज मिल सके और बीमारी के गंभीर रूप लेने से पहले ही उसका समाधान हो सके। इस प्रकार मुख्यमंत्री आरोग्य मेला योजना जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में एक सराहनीय प्रयास बनकर उभर रही है।