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Health : डेंगू का कहर: स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की लापरवाही बनी खतरा

डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार अब तक 241 लोग इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आ चुके हैं, जबकि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका जताई जा रही है। मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव और शहर में फैली गंदगी के चलते मच्छरों के

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Syed Ali Mehndi
28_06_2025-delhi_news_7_57_23969686_102327769

फाइल फोटो

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार अब तक 241 लोग इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आ चुके हैं, जबकि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका जताई जा रही है। मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव और शहर में फैली गंदगी के चलते मच्छरों के प्रजनन की स्थिति और भी भयावह होती जा रही है।

 दहशत फैला रहा है डेंगू 

शहर के विभिन्न इलाकों—इंदिरापुरम, विजयनगर, साहिबाबाद, नंदग्राम और मोदीनगर—में डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अस्पतालों में बुखार, सिरदर्द और प्लेटलेट्स की कमी से पीड़ित मरीजों की भीड़ लगी हुई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से फॉगिंग और सर्वे अभियान की बातें जरूर कही जा रही हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात इसके उलट हैं। कई कॉलोनियों में न तो नियमित फॉगिंग हो रही है और न ही पानी जमा होने वाले स्थलों पर कोई ठोस कार्रवाई की जा रही है।नगर निगम की लापरवाही ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है, गलियों और नालों में गंदा पानी जमा है जिससे मच्छरों को पनपने का पूरा मौका मिल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिकायतों के बावजूद निगम अधिकारी कोई स्थायी कदम नहीं उठा रहे हैं। निगम की टीम केवल औपचारिकता निभाने के लिए कुछ स्थानों पर फॉगिंग कर फोटो खिंचवा रही है।

सावधानी बेहद आवश्यक 

डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों से अपील की है कि घर के अंदर और बाहर पानी जमा न होने दें, कूलर, गमले और खाली डिब्बों को साफ रखें। साथ ही, बच्चों और बुजुर्गों को मच्छरदानी और रेपलेंट का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है।वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट है कि गाजियाबाद में डेंगू नियंत्रण केवल कागजों पर सीमित है। अगर जल्द ही स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने समन्वय के साथ ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। यह वक्त प्रशासन के लिए चेतावनी का है कि डेंगू रोकथाम को अभियान स्तर पर चलाया जाए और जनता को भी इसमें सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाए, तभी इस महामारी पर नियंत्रण संभव होगा।

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