गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
गर्मी बढ़ते ही जिले में बीमारियों का कहर शुरू हो गया है। जिला अस्पताल, संयुक्त जिला चिकित्सालय और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर डायरिया, डिहाइड्रेशन, उल्टी-दस्त, पेट दर्द और बुखार से पीड़ित मरीजों की भारी भीड़ देखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के दावों के बावजूद हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं। अस्पतालों में न तो पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध हैं और न ही डॉक्टरों की संख्या मरीजों के अनुपात में है, जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य सेवाएं बेबस
जिला अस्पताल गाजियाबाद में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। आपातकालीन कक्ष में बिस्तरों की कमी है और मरीजों को बेड शेयर कर इलाज कराना पड़ रहा है। कई मरीजों को घंटों लाइन में लगने के बाद भी इलाज नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह है कि डॉक्टरों को एक-एक मरीज को देखने के लिए मुश्किल से दो मिनट का समय मिल रहा है। कुछ गंभीर मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है, जो हर किसी के बस की बात नहीं।
डॉक्टरों, दवाओं की भारी कमी
जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की संख्या पहले से ही कम थी, लेकिन गर्मी के मौसम में मरीजों की अचानक बढ़ती संख्या ने संकट को और गहरा कर दिया है। अस्पतालों में जरूरी दवाइयों जैसे ओआरएस घोल, इलेक्ट्रोलाइट्स, एंटीबायोटिक्स और अन्य जीवनरक्षक दवाओं की भारी कमी है। कई जगहों पर मरीजों को बाहर से महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं।
गांवों में हालात खराब
ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) पर तो स्थिति और भी खराब है। न पर्याप्त स्टाफ है और न ही आवश्यक उपकरण। दूर-दराज के गांवों से आए मरीजों को या तो इलाज के लिए जिला मुख्यालय आना पड़ता है या फिर बिना इलाज के लौटना पड़ता है।
दावों की पोल खुली
जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। गर्मी के मौसम में बीमारियों के बढ़ने का पूर्वानुमान होते हुए भी न तो कोई विशेष तैयारी की गई और न ही आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कोई विशेष व्यवस्था की गई।
जरूरत तत्काल कदम उठाने की
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं किया गया, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है। जिला प्रशासन को तुरंत अतिरिक्त डॉक्टरों की नियुक्ति, दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने और स्वास्थ्य केंद्रों में संसाधनों को मजबूत करने के कदम उठाने होंगे।
आवश्यकता है
गाजियाबाद की स्वास्थ्य व्यवस्था फिलहाल मरीजों का दबाव झेलने में असमर्थ दिख रही है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को मिलकर तत्काल प्रभावी कदम उठाने होंगे ताकि आम जनता को राहत मिल सके और आने वाले दिनों में किसी बड़े स्वास्थ्य संकट से बचा जा सके।