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Health : यशोदा अस्पताल की लापरवाही से गई जान, परिजन न्याय को तरसे

यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल कौशांबी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। उज्जवल चौधरी नामक युवक की मौत के बाद उसके परिवार ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। मृतक के भाई अर्पित चौधरी ने प्रेस वार्त

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Syed Ali Mehndi
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फाइल फोटो

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल कौशांबी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। उज्जवल चौधरी नामक युवक की मौत के बाद उसके परिवार ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। मृतक के भाई अर्पित चौधरी ने प्रेस वार्ता कर कहा कि अस्पताल की गलती से उनके भाई की जान गई है, लेकिन प्रशासन अब तक चुप्पी साधे हुए है।

 23 मई का मामला

मामला 23 मई का है, जब उज्जवल चौधरी हर्निया की समस्या को लेकर अस्पताल पहुंचे थे। डॉक्टर पंकज कुमार सिन्हा ने उन्हें 26 मई को ऑपरेशन के लिए बुलाया और बताया कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। ऑपरेशन के लिए रोबोटिक सर्जरी का सुझाव दिया गया, जिसे आसान बताया गया था। परिजनों के अनुसार, सुबह 8 बजे शुरू होने वाला ऑपरेशन 11 बजे शुरू हुआ और करीब 5 घंटे तक चला।

ऑपरेशन के बाद मौत

ऑपरेशन के दौरान बड़ी आंत कट गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने इस गंभीर त्रुटि को मामूली बता कर परिजनों से छिपा लिया। इसके बाद मरीज की हालत लगातार बिगड़ती रही। 28 मई को डॉक्टर सिन्हा खुद लंबी छुट्टी पर चले गए और रॉयल ट्यूब हटाई गई। इसके तुरंत बाद मरीज को तेज दर्द, सांस लेने में तकलीफ, पेट फूलना, बुखार और ब्लड प्रेशर कम होने जैसी गंभीर समस्याएं शुरू हो गईं, लेकिन डॉक्टर इसे सामान्य गैस की समस्या बताकर टालते रहे।

 शिकायत पर कार्यवाही नहीं 

29 मई को परिजनों के दबाव में सीटी स्कैन कराया गया, जिसमें 22 सेंटीमीटर आंत में छेद और पेट में फ्लूड लीकेज पाया गया। हालत गंभीर होने पर मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया। इसके बावजूद अस्पताल ने यह स्वीकारने में देरी की कि मामला गंभीर है। अंततः 1 जून की रात मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने थाना और संबंधित अधिकारियों को लिखित शिकायत दी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मृतक की पत्नी ईशा चौधरी और बेटियों वाणी व अवनी ने हाथ जोड़कर न्याय की मांग की। परिवार का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन का प्रशासन में गहरा रसूख है, जिसके चलते कोई सुनवाई नहीं हो रही।

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परिवार ने किया था धरना

मृतक के पिता जितेंद्र सिंह और माता प्रवेश सिंह ने चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो परिवार धरना प्रदर्शन करेगा। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी डॉक्टरों व अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। परिवार ने न्याय के लिए सीबीआई जांच की मांग की है और मीडिया से समर्थन की अपील की है ताकि उनके बेटे को न्याय मिल सके और भविष्य में कोई और परिवार इस दर्द से न गुजरे।

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