Advertisment

Health : जिला अस्पताल में सीपीआर,हाइपरटेंशन पर गोष्ठी का आयोजन

जिला एमएमजी अस्पताल में स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) और हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) विषय पर एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने भाग लिया और उपस्थित जनों को

author-image
Syed Ali Mehndi
Untitled design_20250618_185817_0000

कार्यक्रम आयोजित

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

जिला एमएमजी अस्पताल में स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) और हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) विषय पर एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने भाग लिया और उपस्थित जनों को जीवन रक्षक तकनीकों एवं उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर समस्या से बचाव के उपायों की विस्तृत जानकारी दी।

सीपीआर बेहद महत्वपूर्ण विधि

गोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अखिलेश मोहन ने सीपीआर की आवश्यकता और महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह एक अत्यंत आवश्यक जीवन रक्षक प्रक्रिया है, जो हृदयगति रुक जाने की स्थिति में रोगी को नया जीवन देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि यदि सीपीआर विधि को समय पर और सही तरीके से अपनाया जाए तो किसी भी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।

उच्च रक्तचाप साइलेंट किलर

इस अवसर पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राकेश कुमार गुप्ता, डॉ. पवन कुमारी, डॉ. राहुल रमते, और एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. राकेश कुमार आदिल सहित अन्य वरिष्ठ चिकित्सक भी मौजूद रहे।डॉ. राहुल रमते ने गोष्ठी में सीपीआर की प्रक्रिया को डेमो के माध्यम से समझाते हुए बताया कि इसमें तीन मुख्य चरण होते हैं – जांच (Check), बुलाना (Call) और संपीड़न (Compress)। उन्होंने बताया कि सीपीआर विधि को हर नागरिक को सीखना चाहिए ताकि आपातकालीन स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान की जा सके।

संतुलित जीवन शैली आवश्यक

वहीं, डॉ. पवन कुमारी ने हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप को ‘मूक हत्यारा’ बताया और इसके दुष्परिणामों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि तनाव, असंतुलित जीवनशैली, अधिक नमक का सेवन और शारीरिक गतिविधि की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। उन्होंने नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराने, व्यायाम करने, संतुलित आहार लेने और तनाव कम करने की सलाह दी। गोष्ठी में अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और मेडिकल छात्रों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम के अंत में सवाल-जवाब सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने अपने संदेह दूर किए।इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य आमजन और स्वास्थ्यकर्मियों को आपातकालीन चिकित्सा तकनीकों और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों के प्रति सजग करना रहा। आयोजकों ने घोषणा की कि भविष्य में भी इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे।

Advertisment

Advertisment
Advertisment