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File photo
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
शहर में एक बड़ी और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के अपर सचिव प्रदीप कुमार सिंह को सोमवार दोपहर अचानक हार्ट अटैक आ गया। यह घटना तब हुई जब वह अपने दफ्तर में काम कर रहे थे। अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और देखते ही देखते उनकी हालत गंभीर हो गई। आनन-फानन में सहयोगियों ने उन्हें नज़दीकी यशोदा हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें आपातकालीन स्थिति में भर्ती कर लिया।
अपनी सीट पर बैठे थे
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अपर सचिव प्रदीप सिंह अपनी मेज पर फाइलें देख रहे थे, तभी उन्होंने सीने में तेज़ दर्द और घबराहट की शिकायत की। कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों ने तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी और उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की। गाजियाबाद जैसे व्यस्त शहर में जहां रोज़मर्रा की ज़िम्मेदारियाँ अधिकारियों पर भारी दबाव डालती हैं, वहीं इस घटना ने सरकारी दफ्तरों में स्वास्थ्य सुरक्षा और समय पर चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आईसीयू में भर्ती
यशोदा हॉस्पिटल के डॉक्टरों के मुताबिक, प्रदीप सिंह को दिल का दौरा काफी गंभीर अवस्था में आया। उन्हें आईसीयू में रखा गया है और लगातार उनकी स्थिति पर निगरानी की जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल हालत नाज़ुक है, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनकी देखभाल में जुटी हुई है। परिजन और सहयोगी लगातार अस्पताल में मौजूद हैं और सभी उनके जल्द स्वस्थ होने की दुआ कर रहे हैं।
बेहद तेजतर्रार अधिकारी
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) शहर के विकास कार्यों, इंफ्रास्ट्रक्चर और शहरी योजनाओं से जुड़ा एक अहम संस्थान है। अपर सचिव प्रदीप सिंह यहां की प्रशासनिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण पद संभालते हैं। उनके अचानक बीमार पड़ने से दफ्तर के माहौल में चिंता और सन्नाटा पसर गया। कर्मचारियों का कहना है कि प्रदीप सिंह अपने काम के प्रति बेहद समर्पित अधिकारी माने जाते हैं और अक्सर देर रात तक फाइलों पर काम करते रहते हैं।
तनाव और अवस्थित दिनचर्या
विशेषज्ञ बताते हैं कि लगातार तनाव, अनियमित दिनचर्या और काम का अत्यधिक बोझ दिल की बीमारियों को बढ़ावा देता है। सरकारी दफ्तरों में लंबे समय तक बैठकर काम करना, शारीरिक सक्रियता की कमी और अनियमित खानपान हार्ट अटैक की बड़ी वजह बनते हैं। यही कारण है कि आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराना और जीवनशैली में सुधार करना बेहद जरूरी हो गया है।
अगले 48 घंटे महत्वपूर्ण
इस घटना ने न केवल जीडीए कार्यालय बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र को झकझोर कर रख दिया है। कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने अस्पताल पहुंचकर प्रदीप सिंह का हाल जाना और उनके परिवार को ढांढस बंधाया। वहीं, शहर के आम नागरिक भी उनके स्वास्थ्य लाभ की खबर सुनने को बेताब हैं।फिलहाल प्रदीप सिंह की स्थिति को लेकर डॉक्टरों ने अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण बताए हैं। इस दौरान उनकी हालत में सुधार हुआ तो खतरा टल सकता है, अन्यथा स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो सकती है। गाजियाबाद के लोग और जीडीए के कर्मचारी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।