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Heat : स्विमिंग पूल में नहाने के हैं शौकीन तो रखिए ध्यान

गर्मी का मौसम शुरू होते ही लोगों का रुझान ठंडक पाने के लिए स्विमिंग पूल की ओर बढ़ जाता है। खासकर महानगरों और शहरी इलाकों में जहां तापमान 40 डिग्री से ऊपर चला जाता है, वहाँ स्विमिंग पूल एक राहत की जगह बन जाते हैं। गाजियाबाद जैसे शहर में भी यही हाल है,

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Syed Ali Mehndi
फाइल फोटो

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

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गर्मी का मौसम शुरू होते ही लोगों का रुझान ठंडक पाने के लिए स्विमिंग पूल की ओर बढ़ जाता है। खासकर महानगरों और शहरी इलाकों में जहां तापमान 40 डिग्री से ऊपर चला जाता है, वहाँ स्विमिंग पूल एक राहत की जगह बन जाते हैं। गाजियाबाद जैसे शहर में भी यही हाल है, जहां नगर निगम के अनुसार 75 स्विमिंग पूल रजिस्टर्ड हैं। लेकिन जितनी तेजी से इन पूलों में भीड़ बढ़ती है, उतनी ही तेजी से स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी सामने आने लगते हैं।

मनोरंजन और ताजगी 

स्विमिंग पूल में नहाना एक मनोरंजक और ताजगी देने वाली गतिविधि है, लेकिन यह तभी तक सुरक्षित है जब तक सफाई और स्वच्छता का सही तरीके से पालन किया जाए। अफसोस की बात है कि गर्मियों में जब पूलों में भीड़ बढ़ जाती है, तो कई बार साफ-सफाई के मानकों की अनदेखी की जाती है। गंदा पानी, सही मात्रा में क्लोरीन का प्रयोग न होना, और समय-समय पर पानी न बदला जाना जैसी लापरवाहियाँ कई प्रकार की बीमारियों को न्योता देती हैं।

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गंदगी से कई बीमारियां

डॉक्टरों के अनुसार, गंदे स्विमिंग पूल में नहाने से त्वचा संक्रमण, आंखों में जलन, कान का संक्रमण, पेट की बीमारियाँ और फंगल इंफेक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। भीड़भाड़ में कभी-कभी दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं, जैसे फिसलना, डूबना या चोट लगना। खासकर बच्चों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है, यदि पूल में प्रशिक्षित लाइफगार्ड की व्यवस्था न हो।

स्वच्छता बेहद आवश्यक

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गाजियाबाद के संदर्भ में देखें तो प्रशासन ने 75 स्विमिंग पूलों को रजिस्टर्ड किया है, लेकिन क्या सभी पूल स्वच्छता और सुरक्षा मानकों का पालन कर रहे हैं? यह एक बड़ा सवाल है। कई बार देखा गया है कि कुछ पूल केवल कागजों पर रजिस्टर्ड होते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है। नियमित निरीक्षण की कमी, कर्मचारी प्रशिक्षण का अभाव और मॉनिटरिंग तंत्र की कमजोरी इन खामियों को बढ़ावा देती है।

नियमों का पालन

समस्या का समाधान भी हमारे हाथ में है। सबसे पहले, पूल संचालकों को स्वच्छता मानकों का सख्ती से पालन करना चाहिए और पानी की गुणवत्ता की नियमित जांच करानी चाहिए। प्रत्येक पूल में लाइफगार्ड और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था होना अनिवार्य किया जाना चाहिए। वहीं, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग को समय-समय पर निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नियमों का पालन हो रहा है। आम लोगों को भी जागरूक होना होगा – यदि उन्हें किसी पूल की सफाई या सुरक्षा में कमी दिखे तो तुरंत संबंधित विभाग को सूचित करना चाहिए।

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लापरवाही घातक 

गर्मी में स्विमिंग पूल एक आरामदायक विकल्प जरूर है, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही जीवन के लिए खतरा बन सकती है। अतः आवश्यक है कि पूल में जाने से पहले उसके स्वच्छता स्तर और सुरक्षा प्रबंधों की जानकारी जरूर ली जाए, ताकि यह मस्ती बीमारियों की वजह न बने, बल्कि सेहत और मनोरंजन दोनों का जरिया बने।

 

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