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Heat wave : बढ़ती गर्मी, सूखते हैंडपंप, पानी की किल्लत

हालांकि अभी गर्मी ने दस्तक दी है लेकिन जल संकट खड़ा होता नजर आ रहा है ऐसे में सप्लाई और डिमांड में काफी अंतर दिखाई दे रहा है। गर्मी बढ़ने के साथ ही शहर में पानी की खपत भी बढ़ी है। पिछले वर्ष शहर में पानी की मांग 315 एमएलडी(मिलियन लीटर प्रतिदिन) दर्ज की गई

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Syed Ali Mehndi
खराब पड़े नलकूप

खराब पड़े नलकूप फोटो सुनील पवार

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

हालांकि अभी गर्मी ने दस्तक दी है लेकिन जल संकट खड़ा होता नजर आ रहा है ऐसे में सप्लाई और डिमांड में काफी अंतर दिखाई दे रहा है। गर्मी बढ़ने के साथ ही शहर में पानी की खपत भी बढ़ी है। पिछले वर्ष शहर में पानी की मांग 315 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) दर्ज की गई थी। इस बार रिकॉर्ड तोड़ते हुए यह आंकड़ा 30 एमएलडी बढ़कर 345 तक पहुंच गया है। हालाकि, नगर निगम 320 एमएलडी जलापूर्ति का दावा कर रहा है, लेकिन पानी के लिए मची मारामारी के हालात 300 एमएलडी से भी कम आपूर्ति की गवाही दे रहे हैं। मांग के अनुसार पानी की आपूर्ति नहीं होने से शहर के लोग परेशान हैं।

बढ़ता जल संकट
बढ़ता जल संकट

पानी की किल्लत 

अप्रैल की शुरुआत में ही शहर में पानी की किल्लत खड़ी हो गई है। ओवरहैड टैंकों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। कहीं आधे से एक घंटे ही पानी मिल रहा है तो हीं कम प्रेशर के कारण लोगों के घरों की छत पर रखी टंकियों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। आने वाले दिनों में यह समस्या और ज्यादा गहरा सकती है। फिलहाल, प्रतिदिन 45 से 50 एमएलडी पानी की कमी से निपट पाना नगर निगम के लिए चुनौती बन रहा है। दरअसल, गर्मी में पीने व घरेलू उपयोग के साथ-साथ कूलर के लिए भी पानी की जरूरतें बढ़ गई हैं। 

अधिकारी कहिन

निगम के जलकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार पानी की मांग में इजाफा हुआ है तो आपूर्ति भी 30 से 40 एमएलडी तक बढ़ा दी गई है। पिछले वर्ष 280 से 290 एमएलडी तक ही पानी की आपूर्ति हो पा रही थी। पिछले एक वर्ष में ही 70 से ज्यादा नलकूप लगाए गए हैं, जिससे मांग और आपूर्ति के अंतर को कम किया जा सका है, अन्यथा इस बार स्थिति ज्यादा खराब हो सकती थी। महाप्रबंधक जल ने बताया कि नए नलकूप लगाने और पुरानों की अधिक गहराई पर दोबारा बोरिंग करने का काम लगातार जारी है। जनता की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

60 हजार लोग प्रभावित

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विजयनगर जोन के तीन वार्डों की 15 कॉलोनियों में पिछले चार दिनों से सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। वार्ड 27, वार्ड एक और वार्ड सात की लगभग 50 से 60 हजार आबादी को गर्मी के बीच पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। वार्ड 27 के पार्षद नरेश जाटव ने बताया कि कॉलोनियों के घरों में लगे समर पंप सूख चुके हैं। बाहर गलियों में अमृत योजना की पाइपलाइन है। पांच ओवरहैड टैंक बनाए गए हैं, जिनके लिए 15 ट्यूबवेल की व्यवस्था है, लेकिन कर्मचारी केवल एक ही तैनात किया गया है जो सभी टैंकों को भर नहीं पाता। डूडाहैड़ा और प्लांट रोड का नलकूप हर दूसरे दिन खराब हो जाता है। यहां पानी की समस्या का समधान नहीं हो पा रहा है।

इन कॉलोनियों में गहराया संकट

डूडाहैड़ा, सैन विहार, शांतिनगर, बिहारीपुरा, आदर्शनगर, सुदामापुरी, बागू, बागू क्रिश्चियननगर, शिव विहार, भीम नगर, खैरातीनगर और सिद्धार्थ विहार आदि।

पानी की आपूर्ति के इंतजाम

30 एचपी के नलकूपों की संख्या 300

10 से 15 एचपी के नलकूप 1050

हैंडपंप की संख्या 7000

पानी के टैंकरों की संख्या 64

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