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Helpless : नहीं रुक रही है शराब की तस्करी, बैक फुट पर आबकारी विभाग

हॉट सिटी गाजियाबाद में शराब की तस्करी एक बड़ा अवैध धंधा बन चुका है जहां लाखों रुपए की शराब प्रतिदिन तस्करी द्वारा लाई जाती है यही नहीं गाजियाबाद होकर आसपास के जिला में भी हरियाणा

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Syed Ali Mehndi
शराब तस्करी

शराब तस्करी

गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

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हॉट सिटी गाजियाबाद में शराब की तस्करी एक बड़ा अवैध धंधा बन चुका है जहां लाखों रुपए की शराब प्रतिदिन तस्करी द्वारा लाई जाती है यही नहीं गाजियाबाद होकर आसपास के जिला में भी हरियाणा से तस्करी कर शराब सप्लाई की जाती है।

3 वर्ष में दो करोड़ की शराब पकड़ी 

आबकारी विभाग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो गत 3 वर्ष में ढाई करोड रुपए से अधिक की आवश्यक रात आबकारी विभाग की टीम पड़ चुकी है लेकिन यह आंकड़ा तो बस मात्र एक छोटा सा दृश्य है क्योंकि पूरी पिक्चर बहुत बड़ी है। वर्ष 22 -23 के अंतर्गत 77 लाख रुपए की अवैध शराब पकड़ी गई वर्ष 23-24 के अंतर्गत 55 लख रुपए की शराब पकड़ी गई। जबकि वर्ष 2024 से 2025 तक लगभग 60 लख रुपए की शराब अब तक पकड़ी जा चुकी है।

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बिहार तक तस्करी 

सूत्रों के मुताबिक तस्कर भारी मात्रा में शराब हरियाणा से खरीदते हैं और अवैध रूप से उसे बिहार तक पहुंचाते हैं इस बीच उत्तर प्रदेश के लगभग आठ जिलों में भी सप्लाई की जाती है कुल मिलाकर कहा जा सकता है यह खेल करोड़ों रुपए का है और इसमें बहुत ऊपर तक साजिश नजर आती है। शातिर तस्करों के दिमाग में सप्लाई के नए तरीके आते हैं और कहीं ना कहीं वह अपनी ऊंची पकड़ कर चलते लगातार आपराधिक वारदात को अंजाम दे रहे हैं।

दिल्ली बॉर्डर पर नजर 

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 वही आबकारी विभाग के मुताबिक दिल्ली बॉर्डर पर विशेष नजर रखी जाती है मुखबिर तंत्र को तेजी से मजबूत किया जा रहा है इसके अलावा यूपी गेट अप्सरा बॉर्डर लोनी बॉर्डर सहित कई चेकिंग पॉइंट पर कड़ी निगरानी की जाती है जिसके चलते विभाग को कई बार बड़ी सफलता मिली है।

तालमेल की कमी 

तस्कर आसानी से शराब की तस्करी कर गुजर जाते हैं और आबकारी विभाग सिर्फ हाथ मिलने रह जाता है दरअसल इसके पीछे पुलिस और आबकारी विभाग के बीच तालमेल की कमी बताई जा रही है इसके संबंध में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है लेकिन इतना तय है कि अगर पुलिस और आबकारी विभाग के बीच बेहतर तालमेल हो तब तस्करों को शराब की तस्करी करना मुश्किल होगा।

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