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Hindon river: अब होगा स्वच्छ निर्मल हिंडन का सपना साकार

हिण्डन नदी, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जीवनरेखा कही जाती है, पिछले कई वर्षों से औद्योगिक और घरेलू कचरे की वजह से गंभीर प्रदूषण का शिकार हो चुकी है। इस नदी को पुनः स्वच्छ और निर्मल बनाने के उद्देश्य से आयुक्त मेरठ मण्डल श्री हृषिकेश भास्कर यशोद की

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Syed Ali Mehndi
हिंडन रिवर बैठक

हिंडन रिवर बैठक

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

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हिण्डन नदी, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जीवनरेखा कही जाती है, पिछले कई वर्षों से औद्योगिक और घरेलू कचरे की वजह से गंभीर प्रदूषण का शिकार हो चुकी है। इस नदी को पुनः स्वच्छ और निर्मल बनाने के उद्देश्य से आयुक्त मेरठ मण्डल श्री हृषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में हिण्डन नदी की वर्तमान स्थिति, उसमें गिरने वाले गंदे नालों की समीक्षा और भविष्य की कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा की गई।

महत्वपूर्ण बैठक
महत्वपूर्ण बैठक

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मौजद रहे आला अधिकारी 

बैठक में गाजियाबाद के जिलाधिकारी दीपक मीणा, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल समेत नगर निगम, जल निगम, सिंचाई विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य हिण्डन नदी में गिरने वाले गंदे नालों की पहचान करना, दूषित जल के स्रोतों का मूल्यांकन करना और उन्हें बंद करने अथवा शुद्ध करने की प्रक्रिया को तेज़ी से लागू करना था।

जमीनी कदम आवश्यक

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आयुक्त श्री हृषिकेश भास्कर यशोद ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हिण्डन नदी में सीधे गिरने वाले नालों की सूची बनाकर उनके शोधन के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि केवल योजनाएं बनाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि ज़मीन पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा। इसके लिए सभी विभागों को आपसी समन्वय बनाकर कार्य करना होगा।

 जागरूकता अभियान

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि हिण्डन नदी के किनारे बसे गांवों और शहरी क्षेत्रों में लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके लिए जन जागरूकता अभियान, स्वच्छता रैलियां और स्कूली बच्चों के माध्यम से संदेश प्रचारित करने की योजना बनाई गई। साथ ही यह भी तय किया गया कि जिन उद्योगों से अपशिष्ट नदी में जा रहा है, उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।

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 दूषित पानी

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बैठक में बताया कि हिण्डन नदी में गिरने वाले नालों की पहचान की गई है जिनसे प्रतिदिन लाखों लीटर अपशिष्ट जल नदी में जाता है। इनमें से कई नालों को पहले भी शुद्धिकरण संयंत्र से जोड़ा गया था, लेकिन उनकी कार्यक्षमता में सुधार की आवश्यकता है।

जन सहयोग आवश्यक 

अंत में आयुक्त ने स्पष्ट किया कि हिण्डन नदी को स्वच्छ करना केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें जनसहयोग भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी विभागों को 15 दिन के भीतर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस दिशा में यदि ठोस कदम उठाए जाते हैं तो वह दिन दूर नहीं जब हिण्डन पुनः अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पवित्रता को प्राप्त कर सकेगी। यह बैठक हिण्डन नदी को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जिससे न केवल पर्यावरणीय सुधार होगा बल्कि क्षेत्रवासियों को भी स्वच्छ जल और बेहतर स्वास्थ्य की सुविधा प्राप्त होगी।

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