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ज्ञापन दिया
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद नगर निगम में हाल ही में हुए संपत्ति कर वृद्धि के विरोध में पार्षदों द्वारा आयोजित बैठक के बाद अब पारदर्शिता को लेकर नई मांग सामने आई है। दिनांक 30 जून 2025 को महापौर सुनीता दयाल की अध्यक्षता में बुलाई गई बोर्ड बैठक में बढ़े हुए संपत्ति कर को लेकर तीखी बहस हुई थी, जिसके पश्चात महापौर ने कर वृद्धि को वापस लेने की घोषणा की थी।
असमंजस की स्थिति
हालांकि, बैठक के बाद नगर निगम के कुछ अधिकारियों के विरोधाभासी बयानों ने पार्षदों में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी। कई पार्षदों का मानना है कि अखबारों और अन्य माध्यमों से जनता तक जो जानकारी पहुंच रही है, वह भ्रामक है और इससे जन प्रतिनिधियों की छवि धूमिल हो सकती है। इस संदर्भ में करीब एक दर्जन पार्षद नगर निगम मुख्यालय पहुंचे और सदन सचिव को एक लिखित पत्र सौंपा। पत्र में पार्षदों ने स्पष्ट रूप से मांग की कि 30 जून को सम्पन्न हुई बोर्ड बैठक की अधिकृत कार्यवाही (मिनट्स) की छायाप्रति सभी पार्षदों को 10 दिनों के भीतर उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने तर्क दिया कि इस प्रकार की पारदर्शिता से न केवल जनप्रतिनिधियों को सही जानकारी मिलेगी, बल्कि जनता के सामने भी तथ्यात्मक स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
पार्षदों के तीखे तेवर
पत्र देने पहुंचे प्रमुख पार्षदों में गौरव सोलंकी, हिमांशु शर्मा, अनिल तोमर, संतोष राणा, ओम प्रकाश ओढ़, देव नारायण शर्मा, कुसुम गोयल, मनोज गोयल (पूर्व पार्षद), और कन्हैया लाल प्रमुख रूप से उपस्थित थे। पार्षदों ने यह भी कहा कि यदि समय पर जानकारी नहीं दी जाती है, तो वे जनहित में कानूनी या लोकतांत्रिक विरोध के विकल्प अपनाने को बाध्य होंगे। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब निगाहें महापौर और नगर निगम प्रशासन की अगली प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। क्या बोर्ड बैठक के मिनट्स सार्वजनिक किए जाएंगे या यह मुद्दा आगे और राजनीतिक मोड़ लेगा, यह आने वाला समय बताएगा।