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House Tax : गाजियाबाद की आग पहुंची लखनऊ, अब होगा तांडव

नगर निगम द्वारा बढ़ाए गए हाउस टैक्स को लेकर गाजियाबाद में नाराज़गी लगातार बढ़ रही है। पार्षद वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से लंबे समय से इसका विरोध किया जा रहा था, लेकिन जब स्थानीय स्तर पर कोई समाधान नहीं निकला तो पार्षदों के एक दल ने लखनऊ का रुख किया।

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Syed Ali Mehndi
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पार्षदों ने की मंत्री से मुलाकात

गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता

नगर निगम द्वारा बढ़ाए गए हाउस टैक्स को लेकर गाजियाबाद में नाराज़गी लगातार बढ़ रही है। पार्षद वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से लंबे समय से इसका विरोध किया जा रहा था, लेकिन जब स्थानीय स्तर पर कोई समाधान नहीं निकला तो पार्षदों के एक दल ने लखनऊ का रुख किया।

मंत्री से मुलाकात 

सोमवार की सुबह पार्षद दल नगर विकास मंत्री एके शर्मा के कैम्प कार्यालय पहुँचा। यहाँ उन्होंने त्रिसूत्रीय विषयों पर एक पत्र सौंपते हुए कहा कि 9 अक्टूबर 2024, 7 मार्च 2025 और 30 जून 2025 को हुई बोर्ड बैठकों में पदेन सदस्यों सहित सभी पार्षदों ने सर्वसम्मति से बढ़े हुए हाउस टैक्स प्रस्ताव को निरस्त कर दिया था। इसके बावजूद 1 अप्रैल से नगर निगम पोर्टल पर बढ़ा हुआ हाउस टैक्स प्रदर्शित होने लगा। अनजान और मजबूर संपत्ति मालिकों ने नया टैक्स भी जमा कर दिया।

टैक्स वृद्धि का विरोध

पार्षदों ने बताया कि शहर के व्यापारी संगठन, आरडब्ल्यूए और आम लोग बढ़े टैक्स का विरोध कर रहे हैं। वे पार्षदों से संपर्क कर अपनी समस्याएँ साझा करते हैं। अब स्थिति यह हो गई है कि जनता सड़कों पर उतरने को तैयार है। मंत्री एके शर्मा ने पार्षदों को आश्वासन दिया कि इस विषय का समाधान जल्द किया जाएगा।इसके बाद पार्षद दल गाजियाबाद जिला प्रभारी मंत्री असीम अरुण से मिला। असीम अरुण ने भी पार्षदों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और शीघ्र ही समाधान का भरोसा दिलाया।

निस्तारण आवश्यक

इस प्रतिनिधिमंडल में पार्षद गौरव सोलंकी, हिमांशु शर्मा, नीरज गोयल, ओमप्रकाश ओढ़, देव नारायण शर्मा, शिवम शर्मा, कन्हैया लाल, भूपेंद्र कुमार, संतोष सिंह राणा, पूर्व पार्षद मो. जाकिर अली सैफी और पार्षद पति डॉ. पवन गौतम प्रमुख रूप से शामिल रहे।पार्षदों का कहना है कि यदि शीघ्र निर्णय नहीं हुआ तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उनका मानना है कि बढ़ा हुआ हाउस टैक्स जनता पर बोझ है और इसे समाप्त करना ही होगा। लखनऊ जाकर पार्षदों ने सरकार को यह स्पष्ट संदेश दिया कि जनता के हितों की रक्षा सर्वोपरि है और इस विषय पर अब किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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