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House tax : पार्षदों की ताकत के आगे झुका नगर निगम, धरना आंदोलन रहा सफल

गाजियाबाद नगर निगम में हाउस टैक्स वृद्धि के विरोध में जारी पार्षदों का धरना आखिरकार रंग लाया। कई दिनों से नगर निगम कार्यालय परिसर में डटे पार्षदों ने अपनी एकजुटता और जनहित के मुद्दे पर मजबूती से आवाज उठाई, जिसका असर यह हुआ कि नगर निगम प्रशासन को

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Syed Ali Mehndi
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सफल रहा पार्षदों का धरना

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

गाजियाबाद नगर निगम में हाउस टैक्स वृद्धि के विरोध में जारी पार्षदों का धरना आखिरकार रंग लाया। कई दिनों से नगर निगम कार्यालय परिसर में डटे पार्षदों ने अपनी एकजुटता और जनहित के मुद्दे पर मजबूती से आवाज उठाई, जिसका असर यह हुआ कि नगर निगम प्रशासन को झुकना पड़ा और पार्षदों की प्रमुख मांगें मान ली गईं।

 रंग लाई पार्षद एकता 

हाउस टैक्स में हाल ही में की गई बेतहाशा वृद्धि को लेकर गाजियाबाद के पार्षदों ने खुलकर विरोध जताया था। उनका कहना था कि बोर्ड बैठक में बहुमत के साथ इस वृद्धि को निरस्त कर दिया गया है, लेकिन नगर निगम अधिकारी आदेश के समर्थन में बैठक की ‘मिनट्स’ यानी कार्यवृत्त देने से लगातार इनकार कर रहे थे। इसी को लेकर पार्षदों ने नगर निगम मुख्यालय में धरना शुरू कर दिया, जो दिन-रात जारी रहा और नगर निगम की कार्यप्रणाली पर भी कई सवाल उठे।

जमकर किया विरोध प्रदर्शन

धरने के दौरान पार्षदों को जनता का भी व्यापक समर्थन मिला। व्यापार मंडलों से लेकर सामाजिक संगठनों तक ने पार्षदों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने का भरोसा जताया। भाजपा के भी कई पार्षद इस आंदोलन में शामिल हुए और अपनी ही पार्टी की नगर निगम व्यवस्था पर खुलकर नाराजगी जताई।आखिरकार, नगर निगम प्रशासन को झुकना पड़ा और सोमवार देर शाम निगम द्वारा जारी आधिकारिक पत्र में यह कहा गया कि 25 जुलाई को कांवड़ यात्रा समाप्त होने के बाद महापौर स्वयं पार्षदों को बैठक के मिनट्स सौंपेंगी। इस आश्वासन के बाद पार्षदों ने अपना धरना समाप्त कर दिया।

घुटनों पर आया निगम प्रशासन

पार्षदों ने इस पूरे घटनाक्रम को लोकतंत्र की जीत बताया और कहा कि जब जनता के चुने हुए प्रतिनिधि मिलकर कोई आवाज उठाते हैं, तो प्रशासन को उनकी बात सुननी ही पड़ती है। पार्षदों ने यह भी चेतावनी दी कि यदि आगे भी इसी तरह जनता के हितों की अनदेखी हुई, तो वे दोबारा संघर्ष के लिए तैयार हैं।नगर निगम की कार्यशैली को लेकर उठे इस सवाल ने नगर प्रशासन की पारदर्शिता और जवाबदेही पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। हालांकि फिलहाल के लिए पार्षदों की एकता और संघर्ष ने शहरवासियों को राहत दी है और हाउस टैक्स वृद्धि के निर्णय को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। अब निगाहें 25 जुलाई पर टिकी हैं, जब महापौर द्वारा मिनट्स पार्षदों को सौंपे जाएंगे, जिससे पूरे घटनाक्रम की स्थिति और स्पष्ट हो सकेगी।

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